रांची: विधानसभा में इस्तीफा और बयानबाजी को लेकर विवादों में घिरे पलामू के हुसैनाबाद से बीएसपी विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता की मंगलवार को स्पीकर से मुलाकात नहीं हो सकी. ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत के दौरान बीएसपी विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने बताया कि वह दोपहर 3 बजे स्पीकर से मिलने विधानसभा स्थित उनके कार्यालय गए थे लेकिन उस वक्त स्पीकर भोजनावकाश पर चले गए थे. उन्होंने अपनी उपस्थिति की सूचना विधानसभा के सचिव को दी.
इसके साथ ही उन्होंने स्पीकर को खुद फोन लगाया और अपनी उपस्थिति से अवगत कराया. इस पर स्पीकर ने अपने सचिव के मार्फत बीएसपी विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता को 14 अगस्त को सुबह11:30 बजे आने को कहा. यह पूछे जाने पर कि क्या कल विधायक शिवपूजन मेहता पूरे घटनाक्रम के लिए स्पीकर से माफी मांगेंगे. इस सवाल के जवाब में उन्होंने अपने पुराने स्टैंड को फिर से दोहराया.
क्या है पूरा मामला ?
मानसून सत्र के दौरान 26 जुलाई को हुसैनाबाद से बीएसपी विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने जपला सीमेंट फैक्ट्री को सरकार द्वारा खोले जाने का मामला सदन में उठाया था. इस पर सरकार की ओर से स्पष्ट रूप से कहा गया था कि सरकार के पास इस तरह की कोई पॉलिसी नहीं है और सरकार फैक्ट्री का संचालन नहीं कर सकती है. संसदीय कार्य मंत्री की ओर से कहा गया था कि अगर कोई निवेशक इसके लिए इच्छा जाहिर करता है तो सरकार उसको पूरा सहयोग करेगी. इसी को लेकर कुशवाहा शिवपूजन मेहता की सत्ता पक्ष के साथ बहस भी हुई थी. इस पर स्पीकर ने कुशवाहा शिवपूजन को गैर सरकारी संकल्प वापस लेने को कहा था, इसी बात पर शिवपूजन मेहता भड़क गए थे और कहा था कि वह अपने पद से इस्तीफा देते हैं. सदन से निकलने के बाद मीडिया को बताया था कि उन्होंने स्पीकर को इस्तीफा भी दे दिया है. हालांकि उस वक्त जब शिवपूजन मेहता सदन से बाहर गए थे तब नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन उनको फिर वापस लेकर आए थे. इस दौरान स्पीकर ने कहा था कि भावना में बहकर कोई काम नहीं करना चाहिए. इसके बाद यह बात आई गई हो गई थी लेकिन बाद में शिवपूजन के इस्तीफे के तरीके को नौटंकी करार दिए जाने की बात राजनीतिक गलियारे में उठी.