रांचीः कचहरी चौक के पास स्थित रजिस्ट्री ऑफिस में 20 अप्रैल को हुए बवाल को लेकर कोतवाली थाने में दोनों पक्षों ने एफआईआर दर्ज करवाई है. एक एफआईआर रजिस्ट्रार वैभव मणि त्रिपाठी की ओर से दर्ज कराई गई है. जबकि दूसरी रांची जिला बार एसोसिएशन के सचिव संजय विद्रोही की ओर से दर्ज कराई गई है. दोनों ओर से एक दूसरे पर अलग-अलग आरोप लगाए गए हैं.
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रांची रजिस्ट्री ऑफिस में बवाल मामला, दोनों पक्षों ने दर्ज कराई एफआइआर - रांची जिला बार एसोसिएशन
रांची रजिस्ट्री ऑफिस में हुए बवाल मामले में दोनों पक्षों ने प्राथमिकी दर्ज कराई है. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरो लगाए हैं. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
सरकारी काम में बाधा डालने का आरोपःगौरतलब है कि रांची रजिस्ट्री ऑफिस में 20 अप्रैल को जमकर हंगामा हुआ था. इस हंगामे में सिविल कोर्ट के वकीलों के द्वारा रिश्वतखोरी का आरोप लगाकर रजिस्ट्री कार्यालय में जबरदस्त हंगामा किया गया था. इसी मामले में अब एफआईआर दर्ज हुई है. रांची रजिस्ट्रार द्वारा दिए गए आवेदन में सरकारी काम में बाधा, महिलाकर्मियों से बदसलूकी, मानहानि सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उनके द्वारा सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को उपलब्ध कराया गया है। रजिस्ट्रार के आवेदन में कहा गया है कि संजय विद्रोही और पवन कुमार खत्री जानलेवा हमला करने के लिए तत्पर थे. आफिस के कर्मचारी के साथ बदतमीजी और गाली गलौज करते हुए दफ्तार से घसीटते हुए बाहर लाकर बदनाम भी किया. संजय विद्रोही और पवन कुमार खत्री के द्वारा कार्यालय के कर्मियों और पदाधिकारियों के ऊपर झूठा इल्जाम लगाकर जन समुदाय के सामने बेइज्जत किया गया जो मानहानि है.
इधर, संजय विद्रोही की ओर से दर्ज कराए गए मामले में आरोप लगाया गया है कि वे भ्रष्टाचार के मामले में बातचीत करने रजिस्ट्रार वैभव मणि त्रिपाठी के पास गए तो उन्हें घेरकर उनसे मारपीट की गई. जानलेवा हमला किया गया. अधिवक्ताओं की ओर से रजिस्ट्रार सहित अन्य कर्मियों पर घेर कर मारने और जान से मारने की धमकी के आरोप लगा एफआइआर दर्ज कराई गई है. दोनों मामलों में पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.