रांची: पिछले 2 महीने से ऑपरेशन के लिए दर-दर भटक रहे उषा देवी (Usha Devi) के बच्चों की फरियाद झारखंड हाई कोर्ट (High Court) तक पहुंची. अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उषा देवी का बेहतर इलाज कराने को लेकर रिम्स प्रबंधन (RIMS Management) को फटकार लगाई. जिसके बाद टीम बनाकर डॉक्टर्स ने उसका ऑपरेशन किया.
इसे भी पढ़ें- Black Fungus: मरीज के इलाज में कोताही पर हाई कोर्ट सख्त, पूछा- अधिकारी ने कैसे कहा फंड नहीं
अपनी मां के इलाज के लिए परिजनों ने रिम्स (RIMS) में धरना दिया था और सरकार से अपनी मां के लिए इच्छा मृत्यु इसको लेकर हाई कोर्ट ने रिम्स प्रबंधन को फटकार लगाई. जिसके बाद रिम्स प्रबंधन ने तुरंत ही ईएनटी (ENT) की विभागाध्यक्ष डॉक्टर सीके बिरवा के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई. ऑपरेशन को लेकर रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर डीके सिन्हा ने बताया कि लगभग 4 घंटे के इस जटिल ऑपरेशन में कई समस्याएं लेकिन डॉक्टरों के सूझबूझ सफल ऑपरेशन किया और फिलहाल उसे डॉक्टरों की निगरानी में आईसीयू में रखा गया है.
ऑपरेशन के बाद मरीज की बेटी ने बताया कि मां के ऑपरेशन से वह काफी खुश हैं, अभी मां की हालत में सुधार है. इसके लिए उन्होंने हाई कोर्ट का आभार जताया. पूजा ने बताया उन्होंने ने मां का ऑपरेशन कराने के लिए रिम्स प्रबंधन और राज्य सरकार (State Government) से कई बार गुहार लगाई, पर किसी ने सुध नहीं ली. जिसके बाद वो लोग हाई कोर्ट की शरण में गए. जहां हाई कोर्ट ने गरीब मरीज की परेशानी समझते हुए बेहतर इलाज को लेकर रिम्स प्रबंधन को निर्देश दिया.
इसे भी पढ़ें- इलाज में दिक्कत से कोरोना संक्रमित के लिए परिजनों ने मांगी इच्छा मृत्यु, स्वास्थ्य मंत्री बोले- समस्या का कराएंगे समाधान
मरीज उषा देवी की बेटी ने बताया कि पिछले 2 महीने से वह लगातार रिम्स के सभी डॉक्टरों के पास गुहार लगा रही थी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और मंत्री के साथ-साथ मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाई, पर किसी ने उनकी एक ना सुनी. सभी डॉक्टर बार-बार उन्हें बाहर ले जाने की सलाह दे रहे थे. लेकिन जब हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप किया तो रिम्स प्रबंधन ऑपरेशन करने के लिए तैयार हो गए. पूजा ने खेद प्रकट करते हुए कहा कि अगर यही ऑपरेशन समय पर किया जाता है तो शायद उनके मां की स्थिति और भी बेहतर होती.
इसे भी पढ़ें- मां को मौत दे दो प्लीज, बच्चे लगा रहे गुहार
उषा देवी ब्लैक फंगस (Black Fungus patient Usha Devi) से ग्रसित थी, बेहतर इलाज के लिए उसके बच्चे रिम्स प्रबंधन और राज्य सरकार से लगातार गुहार लगाई. उन्होंने मां की बेहतर इलाज नहीं मिलने पर इच्छा मृत्यु की भी मांग की थी. जिसके बाद मामला तूल पकड़ता गया, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी इलाज का भरोसा दिया. उसके बाद मामला अदालत की दहलीज तक पहुंच गया. हाई कोर्ट के संज्ञान के बाद मरीज का तुरंत ऑपरेशन किया गया.
डॉक्टर्स की टीम में सीके बिरवा के साथ सर्जन विनोद सिन्हा, ऑंकोलॉजी सर्जन डॉक्टर रोहित झा, डेंटल सर्जन वीके प्रजापति, प्लास्टिक सर्जन विक्रांत रंजन और नेत्र सर्जन डॉक्टर राजीव गुप्ता एवं सुनील कुमार की निगरानी में उषा देवी का ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन में एनेस्थीसिया विभाग की ओर से डॉ. उषा, डॉ. तुषार, डॉ. रवि और डॉक्टर अल्फा ओमेगा शामिल रहे.