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मध्य प्रदेश के बाद झारखंड में भी संभावनाओं पर विचार कर सकती है बीजेपी, पार्टी ने किया इशारा

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाय बरनवाल ने मध्यप्रदेश में कंग्रेस की गिरती सराकर को लेकर चुटकी ली. उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दल कांग्रेस के चाल और चरित्र से वाकिफ हैं. ऐसे में आने वाले समय में राजनीतिक दल जो अभी कांग्रेस के साथ हैं आने वाले समय में बीजेपी के साथ होंगे.

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प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बरनवाल

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Published : Mar 11, 2020, 2:01 PM IST

रांची: मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम का असर झारखंड में भी देखने को मिल सकता है, जहां पिछले 19 में सबसे अधिक कार्यकाल बीजेपी के शासन का रहा है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बरनवाल ने बुधवार को दावा किया कि सभी राजनीतिक दल कांग्रेस के चाल और चरित्र से वाकिफ हैं. ऐसे में कोई भी पार्टी ज्यादा दिनों तक कांग्रेस के साथ सहयोग कर सत्ता में नहीं रह सकती है.

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बरनवाल

उन्होंने दावा किया कि इससे पहले भी राज्य में कांग्रेस के समर्थन से सरकार चली है जिसका नतीजा 4000 करोड़ रुपए का घोटाला निकल कर आया. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी का विश्वास है कि यहां भी परिवर्तन होगा. वैसे राजनीतिक दल जो अभी कांग्रेस के साथ हैं आने वाले समय में बीजेपी के साथ होंगे.

राजनीतिक मजबूरियों के तहत कांग्रेस के साथ होता है गठबंधन

हालांकि, उन्होंने कहा कि राजनीतिक मजबूरियों के तहत कोई भी दल कांग्रेस के साथ जाना चाहता है. आने वाले समय में वही दल कांग्रेस से दूरियां बना लेते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के हित के लिए और प्रदेश में स्थायित्व के लिए बीजेपी संभावनाओं पर विचार करेगी. इसके साथ ही ऐसे क्षेत्रीय राजनीतिक दल को समर्थन देकर आगे बढ़ना चाहेगी.

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प्रदेश में पहले भी रहा है झामुमो और बीजेपी का गठबंधन बीजेपी के प्रवक्ता के इस बयान के हालांकि कई मायने निकाले जा सकते हैं, लेकिन पिछली सरकारों के कार्यकाल को पलट कर देखें तो पहले भी बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठबंधन रहा है. उस दौर में सत्ता की चाबी बीजेपी के हाथ में रही और राज्य में अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री बने थे.

19 साल के झारखंड में 11 वें सीएम हैं हेमंत सोरेन

15 नवंबर 2000 में बिहार से अलग हुए झारखंड के राजनीतिक इतिहास को पलट कर देखें तो राज्य में मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रदेश के 11 वें सीएम हैं. हालांकि इससे पहले भी 2014 में एक साल पांच महीने से अधिक समय तक सरकार चला चुके हैं. जबकि उनके पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन तीन बार राज्य की कमान संभाल चुके हैं. वहीं एक बार निर्दलीय मुख्यमंत्री के रूप में मधु कोड़ा ने 2 साल से थोड़ा कम समय तक सरकार चलायी है. जबकि बीजेपी चार बार सत्ता में रही. राज्य में डेढ़ साल तक अलग-अलग समय में राष्ट्रपति शासन भी लगा है.

हालांकि इन कयासों के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा कि यहां मध्य प्रदेश जैसी स्थिति नहीं है. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता विनोद पांडे ने फोन पर कहा कि झारखंड में कांग्रेस झामुमो के गठबंधन की सरकार चल रही है और यह लोगों के अपेक्षा पर खरा उतरेगी।.

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