रांची: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार होने की आशंका है. विपक्षी दल भाजपा के रुख से स्पष्ट हो गया है कि इस बार सदन हंगामे की भेंट चढ़ेगा. गुरुवार शाम भाजपा विधायक दल की हुई बैठक में सत्र के पहले दिन से ही सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई. पंकज मिश्रा और अभिषेक पिंटू की गिरफ्तारी का मुद्दा भी छाया रह सकता है.
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विपक्ष के कड़े रुख को देखते हुए झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार बढ़ गए हैं. गुरुवार देर शाम भाजपा कार्यालय में मानसून सत्र को लेकर हुई भारतीय जनता पार्टी विधायक दल की बैठक में सत्र आरंभ के पहले दिन से ही सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में हुई इस बैठक में भाजपा ने मानसून सत्र के पहले दिन यानी 29 जुलाई को सदन के बाहर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के उपर की गई टिप्पणी के विरोध में प्रदर्शन और नारेबाजी करने का निर्णय लिया गया. संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह की मौजूदगी में करीब दो घंटे तक चली भाजपा विधायक दल की बैठक में सरकार को भ्रष्टाचार, विधि व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों पर घेरने की रणनीति बनाई गई.
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि के अलावा प्रेस सलाहकार अभिषेक पिंटू पर ईडी की कार्रवाई का मुद्दा छाया रहेगा. बीजेपी विधायक दल की बैठक में पार्टी ने इसे सदन के अंदर प्रमुखता से उठाने का निर्णय लिया है. बीजेपी विधायक विरंची नारायण ने बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि मानसून सत्र के दौरान हर दिन भाजपा के विधायक सदन के अंदर अलग अलग विषयों पर सरकार से जवाब मांगेंगे. सरकार समुचित जवाब दे देगी तो सदन चलेगा नहीं तो सदन नहीं चलेगा. विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि राज्य में सुखाड़ की भयावह स्थिति है इसपर सरकार को जवाब देना होगा.
वहीं भ्रष्टाचार, गिरती विधि व्यवस्था और झारखंड को इस्लामीकरण करने की कोशिश पर सदन में प्रमुखता से बातों को रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सामान्य स्कूल को जबरन उर्दू स्कूल बताकर शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश दिया जा रहा है इस मुद्दे पर भी पार्टी सदन में सरकार से जवाब मांगेगी.