रांची: झारखंड में दुमका और बेरमो विधानसभा उपचुनाव में कहीं ना कहीं राजनीतिक दल मुख्य मुद्दों से भटक कर एक-दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं. सत्तापक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर छींटाकशी करते दिख रहे हैं. अमूमन चुनाव में जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर राजनीतिक दल अपनी बातों को रखते हैं. लेकिन वर्तमान में जनता से जुड़े मुद्दे दरकिनार हैं और राजनीतिक दल एक-दूसरे की बयानबाजी पर नजर गड़ाए हुए है.
सत्ताधारी दल का आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनने के बाद इस बयानबाजी का दौर तेज हो गया है और लगातार सत्ताधारी दल और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं. लेकिन इस बीच ऐसे शब्दों का भी इस्तेमाल हो रहा है जिससे किसी भी पद की गरिमा तार-तार होती है. विपक्ष की भाजपा के नेताओं के साथ-साथ सत्ताधारी दल जेएमएम और कांग्रेसी नेताओं द्वारा भी कई ऐसे बयानबाजी किए जा रहे हैं. जिससे साफ हो गया है कि दुमका और बेरमो विधानसभा उपचुनाव में जनता के मुद्दों को लेकर नहीं बल्कि एक-दूसरे की कमियों को निकालकर राजनीतिक दल जीत की सीढ़ी चढ़ना चाह रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड को लेकर कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा लगातार केंद्र की भाजपा सरकार का विरोध कर रही है. तो वहीं प्रदेश की विपक्षी पार्टी भाजपा का आरोप है अपने राज्य में हो रहे दुष्कर्म जैसे राज्य को शर्मसार करने वाली घटनाओं की ओर सत्ताधारी दलों का कोई ध्यान नहीं है. जबकि हाथरस की घटना पर केंद्र के खिलाफ लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि बरहेट, दुमका और गुमला में दर्दनाक घटनाएं हुई हैं. पिछले 9 महीने में हेमंत सरकार के कार्यकाल में 12 सौ से ज्यादा रेप हुए. बच्चियां पूरी तरह राज्य में असुरक्षित हैं, उन्होंने बसंत सोरेन के एक बयान पर भी जमकर निशाना साधा है.