रांचीः बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की ओर से संचालित सभी केवीके में मंगलवार को विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया. इस मौके पर बीएयू के पशु चिकित्सा संकाय और केवीके गढ़वा के संयुक्त तत्वावधान में राज्यस्तरीय वेबिनार का आयोजन किया गया.
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इस वेबिनार को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि डीन वेटनरी डॉ. सुशील प्रसाद ने झारखंड में जलवायु परिवर्तन के आलोक में डेयरी व्यवसाय की ओर से आर्थिक विकास की चुनौतियां एवं प्रबंधन पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टिट्यूट की हाल के रिपोर्ट में बढती गर्मी के प्रभाव से पशु चारे एवं दाने में कमी तथा दुग्ध उत्पादन की बात कही है. उन्होंने विदेशी एवं संकर नस्ल गाय और भैंस की अपेक्षा देसी नस्ल की गाय और भैंस को जलवायु परिवर्तन का दबाव झेलने में सक्षम बताया. देसी गाय का दूध की गुणवत्ता बहुत अच्छी है. प्रदेश में देसी नस्ल की गाय और भैंस पालकों को प्रोत्साहित कर दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है.
मौके पर निदेशालय डेयरी विकास के तकनीकी पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह ने झारखंड सरकार की विभिन्न डेयरी योजनाओं पर प्रकाश डाला. वेटनरी कॉलेज के पशु शरीर संरचना विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश मेहता ने डेयरी व्यवसाय में प्रबंधन एवं संभावनाएं तथा पशु औषधि विभाग की प्राध्यापिका डॉ. स्वाति सहाय ने पशु स्वास्थ्य का दुग्ध उत्पादन पर प्रभाव पर प्रकाश डाला. वेबिनार में स्वागत भाषण केवीके प्रधान डॉ. अशोक कुमार ने दी. कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. सुषमा ललिता बाखला ने विश्व दुग्ध दिवस की महत्ता एवं उद्देश्य के बारे में बताया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुधीर कुमार झा ने दिया.