रांची: 23 सितंबर 2018 आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ झारखंड की राजधानी रांची की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरुआत की गई थी. एक साल पूरे होने पर राजधानी में दो लाख 83 हजार मरीजों का इस योजना के तहत उपचार हो चुका है.
गोल्डन कार्ड जारी करने में झारखंड का तीसरा स्थान
आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से राज्य के सवा तीन करोड़ आबादी को बेहतर स्वास्थ्य देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. इसलिए राज्य में स्वास्थ्य विभाग जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने की कोशिश में लगातार जुड़ा हुआ है. सरकार के लगातार प्रयास की वजह से ही पूरे देश में गोल्डन कार्ड जारी करने में झारखंड का तीसरा स्थान है. वहीं झारखंड की राजधानी रांची का सदर अस्पताल आयुष्मान भारत के तहत मरीजों का इलाज करने में पूरे देश में दूसरे स्थान पर है.
इलाज के लिए बनाया जाएगा गोल्डन कार्ड
राज्य में 220 सरकारी अस्पताल और 434 निजी अस्पताल हैं जो गोल्डन कार्ड धारी मरीजों का इलाज कराने के लिए रजिस्टर्ड किए गए हैं. आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 57 लाख 15 हजार पांच सौ अठाइस परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों में ढाई करोड़ लोगों का आयुष्मान भारत के तहत इलाज कराने के लिए गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा.
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आवंटित राशि की सूची
जिला | मामले | आवंटित राशि (रुपए) |
बोकारो | 1468 | 59 लाख |
चतरा | 1207 | 70 लाख |
देवघर | 973 | 36 लाख |
धनबाद | 199 | 25 लाख |
दुमका | 755 | 81 लाख |
पूर्वी सिंहभूम | 1063 | 57 लाख |
गढ़वा | 1042 | 40 लाख |
गिरिडीह | 745 | 45 लाख |
गोड्डा | 737 | 49 लाख |
गुमला | 2443 | 2 करोड़ |
हजारीबाग | 2114 | 1.75 करोड़ |
जामताड़ा | 690 | 36 लाख |
खूंटी | 485 | 32 लाख |
कोडरमा | 675 | 45 लाख |
लातेहार | 465 | 25 लाख |
लोहरदगा | 350 | 22 लाख |
पाकुड़ | 260 | 12 लाख |
पलामू | 1349 | 79 लाख |
रामगढ़ | 289 | 20 लाख |
साहिबगंज | 243 | 14 लाख |
सरायकेला | 1511 | 73 लाख |
सिमडेगा | 467 | 24 लाख |
पश्चिमी सिंहभूम | 2354 | 2.30 करोड़ |
रांची | 5420 | 2.5 करोड़ |
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निशुल्क बन रहा है गोल्डन कार्ड
वहीं राज्य भर में आयुष्मान भारत के तहत रजिस्टर्ड निजी अस्पताल में गरीब मरीजों के इलाज के लिए 18,1677 केसों के इलाज पर 1 अरब 76 करोड़ 77 लाख 48 हजार 3 सौ रुपये सरकार की तरफ से लोगों के लिए खर्च किये गए हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव अभिषेक श्रीवास्तव बताते हैं कि राज्य में 57 लाख परिवार में लगभग ढाई करोड़ लोगों का गोल्डन कार्ड बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. जिसमें अब तक 68 लाख लोगों का गोल्डन कार्ड बन चुका है और प्रत्येक दिन एक लाख लोगों का गोल्डन कार्ड स्वास्थ विभाग के तरफ से निर्गत कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री रघुवर दास के आदेश के बाद गोल्डन कार्ड बनाने के लिए कोई शुल्क प्रज्ञा केंद्र पर नहीं ली जा रही है. जबकि पूर्व में गोल्डन कार्ड बनाने के लिए सरकार की तरफ से 30 रूपय शुल्क लिए जाते थे.
बता दें कि आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से सरकार गरीबों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाना चाहती है इसके लिए सरकार लोगों के बीच गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए हर अस्पताल में आरोग्य मित्र की बहाली की है. ताकि अस्पताल में आने वाले गरीब मरीज के राशन कार्ड के आधार से उनका आयुष्मान कार्ड तुरंत बना दिया जाए.