रांची: कोरोना महामारी के इस संकट की घड़ी में कोई भूखा न रहे. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने सभी राशन कार्डधारी और राशन कार्ड के लिए आवेदन करने वाले समेत जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी एक रुपए प्रति किलो के हिसाब से 10 किलो चावल देने की योजना चलाई है. लेकिन अब शिकायतें आ रही हैं कि एक ही परिवार के कई लोग जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. इस योजना का गलत तरीके से लाभ उठा रहे हैं. इस मसले की ओर मांडर विधायक बंधु तिर्की ने सरकार का ध्यान आकृष्ट किया है.
त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिएमांडर विधायक बंधु तिर्की ने इस समस्या के समाधान के लिए सोमवार को सुझाव भी देते हुए कहा कि जिस तरह से पड़ोसी राज्य बिहार में राशन कार्ड के लिए आवेदन देने वाले लोगों के लंबित आवेदन की स्वीकृति दी गई है, ऐसे में झारखंड में जिन लोगों का तकनीकी कारणों से राशन कार्ड निर्गत नहीं हो पाया है उस पर त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए.
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सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत
साथ ही एक ही परिवार बिना कार्ड के राशन उठाए जाने की जांच की जानी चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से सरकार को परेशानी हो सकती है. इस पर खाद्य आपूर्ति विभाग को संज्ञान लेने की जरूरत है. क्योंकि अगर एक ही परिवार के लोग 10-10 किलो राशन अलग-अलग लेंगे, तो राशन बांटने वाले लोगों को भी परेशानी होगी. वहीं, ऐसे समय में जनता को नहीं समझाया जा सकता है, सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.
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विधायक ने डीसी को लिखा पत्र
साथ ही पीडीएस दुकानदारों पर भी राशन वितरण में भी अनियमितता की बातें सामने आ रही हैं. जिसको लेकर मांडर विधायक बंधु तिर्की ने जिले के उपायुक्त राय महिमापत रे को पत्र लिखा गया है. ताकि जरूरतमंदों को सही राशन मुहैया हो सके. पत्र में यह भी लिखा गया है कि दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों को सुविधा मिलनी चाहिए. क्योंकि उन्हें भी समय पर पीडीएस दुकानदार राशन मुहैया नहीं करा रहे हैं.