रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में कफ सिरफ को नशीले पदार्थ के रूप में बेचने के आरोपी मनिंद्र नारायण गोप की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता रवि प्रकाश ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को देखने के बाद प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया है.
नशे के सौदागर को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, अदालत ने खारिज की याचिका - आरोपी मनिंद्र नारायण गोप की जमानत याचिका खारिज
दवा को नशीले पदार्थ के रूप में बेचने वाले आरोपी मनिंद्र नारायण गोप की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने उन्हें किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया है.
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बता दें कि चाईबासा के जगन्नाथपुर थाना अंतर्गत मनिंद्र नारायण गोप कफ सिरफ चुराकर नशे के रूप में बेचा करता था. इस मामले में उसके घर छापामारी कर 588 बोतल कफ सिरफ बरामद किया गया. निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. मनिंद्र नारायण गोप ने बाद में हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की. उसी याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है.
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