रांचीः नक्सली कुंदन पाहन की जमानत याचिका पर एनआईए की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. कोर्ट में एनआईए की ओर से बहस के लिए समय की मांग की गई है. पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड मामले (Former Minister Ramesh Singh Munda Murder Case) में नक्सली कुंदन पाहन मुख्य आरोपी है. कुंदन पाहन ने आत्मसमर्पण नीति (Surrender Policy) के तहत साल 2017 में हथियार डाल दिए थे.
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पूर्व मंत्री रमेश सिंह हत्याकांड मामले के आरोपी नक्सली कुंदन पहन की जमानत याचिका पर एनआईए की विशेष अदालत (NIA Special Court) में सुनवाई हुई. इस दौरान एनआईए ने बहस के लिए कोर्ट से समय मांगा है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. रिमांड पर 4 साल की सजा काटने और सरकार की सरेंडर पॉलिसी के तहत आत्मसमर्पण करने का हवाला देकर कुंदन पाहन ने जमानत याचिका दाखिल की है.
किस आधार पर जमानत की मांग आत्मसमर्पण के 4 साल बीतने के बाद सरेंडर कर चुके नक्सली कुंदन पाहन ने कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई है. कुंदन पाहन ने NIA कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की है. पूर्व मंत्री और तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या समेत कई चर्चित घटनाओं को अंजाम देने के आरोपी में नक्सली कुंदन पाहन फिलहाल ओपन जेल में बंद है. लेकिन अब वो ओपन जेल की चाहरदीवारी में रहते हुए बाहर आने की कोशिश में है. कुंदन पाहन अपने गांव लौटकर परिवार के साथ समय बिताना चाहता है. इसलिए जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दी है. कुंदन पाहन के अधिवक्ता ईश्वर दयाल किशोर के मुताबिक कुंदन पाहन ने अपनी कस्टडी की अवधि को जमानत का आधार बनाकर न्यायालय से उसे बेल देने की गुहार लगाई है.
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वर्ष 2017 में आत्मसमर्पण किया था
कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन ने राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति (Surrender Policy) के तहत वर्ष 2017 में पुलिस के समक्ष अपने हथियार डाल दिए थे. उसके बाद जेल में रहकर कुंदन ने विगत विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत भी आजमायी थी, पर उसे जनता का समर्थन नहीं मिला. लूट, हत्या समेत कई संगीन आरोप नक्सली कुंदन पाहन पर हैं. 5 करोड़ नकद समेत 1 किलो सोने की लूट, स्पेशल ब्रांच इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार और पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या के अलावा कुंदन पाहन के ऊपर कई मुकदमे दर्ज हैं. नक्सली कुंदन पाहन पर झारखंड पुलिस ने 15 लाख रुपया का इनाम भी रखा था.