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बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा स्पीकर को लिखा पत्र, पूछा- बीजेपी के दिए गए आवेदनों पर कितनी हुई कार्रवाई - बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र

बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड विधानसभा के स्पीकर रविंद्र नाथ महतो को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने बीजेपी की ओर से दिए गए आवेदन पर की गई कार्रवाई की सर्टिफाइड कॉपी मांगी है.

Babulal Marandi wrote a letter to the Jharkhand Assembly Speaker
विधानसभा स्पीकर

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Published : Sep 1, 2020, 12:07 PM IST

रांची: बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड विधानसभा स्पीकर रविंद्र नाथ महतो से उनके मामले में अब तक विधानसभा द्वारा की गई प्रक्रिया की जानकारी मांगी है. मरांडी ने इसको लेकर एक पत्र स्पीकर महतो को भेजा है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर बीजेपी की ओर से दिए गए आवेदन पर की गई कार्रवाई की सर्टिफाइड कॉपी मांगी है. नोटिस में कहा गया है कि बीजेपी ने मरांडी को लेकर उनके संदर्भ में की गई मांग पर अब तक स्पीकर ने क्या किया है इसकी जानकारी उपलब्ध कराएं.

बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी

बीजेपी ने बनाया विधायक दल का नेता

दरअसल, बाबूलाल मरांडी को बीजेपी ने अपना विधायक दल का नेता तो चुन लिया है, लेकिन झारखंड विधानसभा में अभी भी नेता प्रतिपक्ष को लेकर उनका मामला लटका हुआ है. हालांकि, इस बाबत बीजेपी ने स्पीकर के अलावे गवर्नर द्रौपदी मुर्मू का दरवाजा भी खटखटाया है. वहीं, दूसरी तरफ स्पीकर ने मरांडी समेत तत्कालीन झाविमो के विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव से भी 17 सितंबर तक जवाब मांगा है. मरांडी ने झाविमो का विलय बीजेपी में कर लिया था. वहीं, बंधु तिर्की और प्रदीप यादव कांग्रेस में चले गए. इसके बाद स्पीकर ने तीनों को एक नोटिस भेजकर 17 सितंबर तक अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

विधायक प्रदीप यादव

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दल-बदल के तहत स्पीकर ट्रिब्यूनल में हो सकती है सुनवाई

विधानसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, तीनों का मामला स्पीकर ट्रिब्यूनल में जाएगा, जहां यह दल-बदल की परिधि में आ सकता है. हालांकि, राज्यसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने बाबूलाल मरांडी को बीजेपी का विधायक बता कर वोट कराने का निर्देश दिया था. विधानसभा के अंदर स्पीकर सदन के कस्टोडियन होते हैं. ऐसे में इस मामले में उनका अंतिम निर्णय ही मान्य होता है. सूत्रों के अनुसार स्पीकर ने इस मामले में महाधिवक्ता से राय ली है और उसके बाद तीनों विधायकों को नोटिस भेजकर 17 सितंबर तक अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

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