रांची: बीजेपी की तरफ से चयनित विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को मांग की है कि कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अनुमंडलीय अस्पताल में भी होनी चाहिए. मरांडी ने कहा कि इस काम में लगे पैरामेडिकल स्टाफ को संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए पीपीपी, मास्क, सैनिटाइजर और मेडिकल उपकरण की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति के साथ उन्हें ट्रेनिंग भी दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके अलावा उस सैंपल को तय मापदंड और सुरक्षा मानक के अनुसार तय समय सीमा में जांच स्थल तक पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए.
रिटायर्ड लोगों की ले मदद
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार सैंपल कलेक्शन के लिए जिलों के अस्पतालों में प्रशिक्षित और एक्सपोर्ट पैरामेडिकल स्टाफ पर्याप्त संख्या में नहीं है. ऐसी परिस्थितियों में से निपटने के लिए राज्य के सैनिक अस्पताल में कार्यरत या सेवानिवृत्त पारा मेडिकल स्टाफ की मदद ली जा सकती है. इसके साथ ही जो पारा मेडिकल स्टाफ अपना जीवन जोखिम में डालकर सेवा दे रहे हैं इनके और परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार को सुविधा मुहैया कराने चाहिए.
बाबूलाल ने लिखा सीएम हेमंत सोरेन को पत्र, कहा- पीएचसी और अनुमंडल स्तर पर हो सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था
सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य के सीएम हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने कोरोना के संकट से निपटने के लिए कई सुझाव दिए. इसके अलावा उन्होंने सीएम को सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अनुमंडलीय अस्पताल में करने की बात कही.
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सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शुरू हो ओपीडी
इसके साथ ही मरांडी ने सरकारी सुरक्षा में अस्पतालों में ओपीडी की शुरू करने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि ओपीडी सेवा बंद हो जाने से सभी प्रकार के क्लिनिक बंद हो गए हैं और लोगों को भी समस्या हो रही है. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए ओपीडी सेवा शुरू की जाए.
मरांडी ने दिए ये सुझाव
इसके अलावे मरांडी ने सुझाव दिया कि बड़े निजी अस्पतालों में भी कोरोना की जांच की सुविधा के लिए सरकारी स्तर पर टेस्ट मशीन लगाई जानी चाहिए. इसके साथ ही डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए पर्याप्त मात्रा में मेडिकल किट भी उपलब्ध कराने पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि तेजी से फैल रहे संक्रमण से बचने के लिए और इसकी रोकथाम के लिए उपयुक्त सुझाव पर समय रहते मुख्यमंत्री को पहल करनी चाहिए ताकि राज्य में विस्फोटक रूप धारण करने से बचाया जा सके.