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बाबूलाल मरांडी दलबदल मामला: विधानसभा अध्यक्ष को सुप्रीम कोर्ट का झटका

Babulal Marandi defection case
Babulal Marandi defection case

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Published : Jan 12, 2021, 12:26 PM IST

Updated : Jan 12, 2021, 2:40 PM IST

12:22 January 12

सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज

नई दिल्लीः बाबूलाल मरांडी दलबदल मामले में झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. 

मुख्य न्यायाधीश की अदालत में विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा. सिब्बल ने इस मामले में नोटिस जारी करने की मांग की, जिस पर अदालत ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की बात कही. मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा कि ये मामला झारखंड हाईकोर्ट में सूचीबद्ध है लिहाजा सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई की जरूरत नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि याचिकाकर्ता हाईकोर्ट के समक्ष दलील देने के लिए स्वतंत्र हैं और वे हाईकोर्ट से इस मामले को तेजी से निपटाने का अनुरोध कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें-सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई

क्या है पूरा मामला

झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष  रवींद्रनाथ महतो ने बीजेपी में जेवीएम के विलय पर स्वतः संज्ञान लेते हुए बाबूलाल मरांडी को नोटिस जारी किया था. इस नोटिस को बीजेपी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने इस मामले में कहा कि बिना किसी शिकायत पर स्वतः संज्ञान लेकर नोटिस जारी करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को नहीं है. हाईकोर्ट के स्टे के कुछ घंटे बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक भूषण तिर्की की शिकायत पर विधानसभा अध्यक्ष ने बाबूलाल मरांडी को दोबारा नोटिस जारी किया. बाबूलाल मरांडी के वकील कुमार हर्ष ने बताया कि दलबदल को लेकर विधानसभा अध्यक्ष का दूसरा नोटिस भी सही नहीं है.  

इसी बीच पहली नोटिस मामले में हाईकोर्ट के स्टे के बाद बाबूलाल मरांडी ने सुप्रीम कोर्ट में कैवियेट दाखिल कर दिया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.

Last Updated : Jan 12, 2021, 2:40 PM IST

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