रांचीःखान आवंटन घोटाले में उषा मार्टिन कंपनी और राज्य सरकार के पूर्व खान निदेशक आईडी पासवान के खिलाफ दर्ज केस को मैनेज करने की कोशिश की जा रही थी. मामले में सीबीआई को ही मैनेज करने की कोशिश की जा रही थी. इस मामले में सीबीआई ने उषा मार्टिन के निदेशक समेत छह पर एफआईआर दर्ज कर लिया है.
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क्या है पूरा मामला
केस को मैनेज करने के लिए केस के पूर्व पर्यवेक्षणकर्ता सीबीआई एसपी एनएमपी सिन्हा को मैनेज किया गया था. इस मामले में सीबीआई ने एनएमपी सिन्हा, रांची के अपर बाजार इलाके के कार्ट सराय रोड में रहने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट विनय जालान, उनके बेटे पार्थ जालान, उषा मार्टिन कंपनी के एमडी राजीव झंवर, कंपनी के ऑथोराइज्ड सिग्नेटरी राजकुमार कपूर और उषा मार्टिन कंपनी को आरोपी बनाया है. सीबीआई दिल्ली की टीम ने एफआईआर दर्ज करने के बाद चार्टर्ड एकाउंटेट के अपर बाजार स्थित दफ्तर और आवास में छापेमारी भी की थी. छापेमारी में एसीबी सीबीआई रांची के पदाधिकारी भी शामिल थे.
क्या है सीबीआई के एफआईआर में
सीबीआई के एफआईआर में जिक्र है कि जांच एजेंसी को यह सूचना मिली थी कि सीबीआई के पूर्व एसपी एनएमपी सिन्हा ने सीए विनय जालान, बेटा पार्थ जालान, राजीव झंवर, राजकुमार कपूर के साथ मिलकर सीबीआई में दर्ज केस आरसी 17 ई/2016 को प्रभावित करने की कोशिश की थी. इस केस में सीबीआई ने झारखंड के तत्कालीन खान निदेशक आईडी पासवान और उषा मार्टिन को आरोपी बनाया था. सीबीआई को सूचना मिली थी कि 31 अगस्त को रिटायरमेंट के बाद एनएमपी सिन्हा से डील हुई थी कि वह केस को उषा मार्टिन के पक्ष में ला देंगे. बदले में उन्होंने 25 लाख रुपए की रकम भी घूस के तौर पर ली थी.
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23 सितंबर को दिल्ली के होटल में डील
सीबीआई के मुताबिक, 23 सितंबर को एनएमपी सिन्हा ने होटल आईटीसी मोर्या दिल्ली में तीन से चार घंटे तक सीए विनय जालान के साथ बैठक की थी. इसके बाद विनय जालान ने वहीं से अपने बेटे पार्थ जालान को पूर्व के केस में दायर सम्मन को लेकर जवाब दायर करने का निर्देश दिया था. इसके बाद दिल्ली आकर पार्थ को सीबीआई के पूर्व एसपी से मिलने को भी कहा गया था. एनएमपी सिन्हा ने भी पार्थ से उस दौरान बात की थी. बाद में विनय जालान ने 25 लाख रुपए भी घूस के तौर पर पूर्व सीबीआई अधिकारी को दिए थे.