रांची: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की झारखंड से कई स्मृतियां जुड़ी हुई है. अलग राज्य के रूप में झारखंड को पहचान दिलाने में उन्हें श्रेय दिया जाता है. 1999 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान झारखंड में चुनावी सभाओं में वाजपेयी ने खुलकर लोगों से कहा था कि वह केंद्र में उनकी सरकार बनाएं और वह उन्हें वनांचल (मौजूदा झारखंड) देंगे. एक तरफ जहां लोगों ने वाजपेयी का मान रखा और बीजेपी केंद्र में सरकार बनाने में सफल हुई. वहीं, 15 नवंबर, 2000 को झारखंड अस्तित्व में आया.
वाजपेयी के सपने पूरे करने के लिए हैं तत्पर
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश कहते हैं कि वाजपेयी की भूमिका झारखंड निर्माण में बहुमूल्य है. उन्होंने कहा कि झारखंड के प्रति उनका विशेष लगाव था. यही वजह है कि उनके प्रति यहां के लोगों के मन में भी काफी सम्मान है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अभी भी पार्टी उनके बताए रास्ते पर चल रही है. इसके साथ ही जिस झारखंड का सपना वाजपेयी ने देखा था उसे पूरा करने के लिए राज्य में अब तक बनी बीजेपी सरकारों ने हर संभव प्रयास किया है.
राज्य गठन के बाद पहली सरकार बीजेपी की
दरअसल, जिस वर्ष झारखंड का गठन हुआ उस वर्ष राज्य में बीजेपी की सरकार बनी. बाबूलाल मरांडी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने और अब तक झारखंड में बीजेपी के नेताओं को ही सबसे ज्यादा शासन करने का मौका मिला है. इस बाबत बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप दावा करते हैं कि बीजेपी शासन काल में झारखंड ने काफी तरक्की की है. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने जो सपना देखा था वह पूरा होता दिख रहा है. तत्कालीन दक्षिण बिहार के हिस्सों को मिलाकर झारखंड का निर्माण किया गया उसके बाद लोग साफ तौर पर कहने लगे कि झारखंड धीरे-धीरे काफी आगे बढ़ रहा है.