रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने सहायक प्रोफेसर नियुक्ति के लिए हो रहे साक्षात्कार में याचिकाकर्ता दिनेश कुमार मुर्मू को भाग लेने की अनुमति प्रदान कर दी है. अदालत ने लोक सेवा आयोग को साक्षात्कार में प्रार्थी को शामिल करने का निर्देश देते हुए कहा है कि मामले में अंतिम फैसला आने तक जेपीएससी प्रार्थी के रिजल्ट नहीं निकाले जाएंगे. साथ ही नियुक्ति में एक पद रिक्त रखें और अदालत के फैसले के बाद इस पर निर्णय लेंगे.
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लोक सेवा आयोग ने साक्षात्कार से रोका
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में इस मामले पर आज (15 दिसंबर) सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग से विज्ञापन निकाला गया है जिस पर प्रार्थी रवि कुमार मुर्मू ने भी आवेदन दिए हैं. लेकिन उन्हें लोक सेवा आयोग ने साक्षात्कार में भाग लेने की अनुमति नहीं दी है.
याचिकाकर्ता को योग्यता नहीं
इस मामले में कोर्ट में जेपीएससी का कहना है कि विज्ञापन में दिए गए शर्त के अनुसार इनकी शैक्षणिक योग्यता नहीं है. जबकि याचिकाकर्ता ने अदालत को जानकारी दी कि साक्षात्कार में दिए गए शर्त के अनुसार उनकी शैक्षणिक योग्यता है. उन्हें गलत तरीका से रोका जा रहा है. इसलिए उन्होंने अदालत से गुहार लगाई कि उन्हें साक्षात्कार में भाग लेने की अनुमति दी जाए. साक्षात्कार का आज अंतिम दिन है. अदालत ने लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता से जानकारी मांगी.
याचिकाकर्ता को नहीं मिले हैं अंक
आयोग के अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी कि साक्षात्कार के लिए जितने अंक निर्धारित किए गए हैं. शैक्षणिक योग्यता के आधार पर उतने अंक इन्हें प्राप्त नहीं हुआ है. इसलिए इन्हें साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया है. इनका पेपर जनरल के लिस्ट के अनुसार प्रकाशित नहीं हुआ है. जिस पर प्रार्थी के अधिवक्ता ने विरोध करते हुए कहा कि जितना अंक रखा गया है उतना अंक भी मुझे आया है. जेपीएससी को यह तय करने का अधिकार नहीं है. यह तय करने का अधिकार यूजीसी को है. साक्षात्कार का आज अंतिम दिन है. अगर उन्हें भाग लेने नहीं दिया जाता है, तो वह इस परीक्षा से वंचित हो जाएंगे. इसलिए उन्होंने अदालत से साक्षात्कार में भाग लेने की अनुमति दिए जाने की गुहार लगाई.
साक्षात्कार में शामिल करने का निर्देश
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत लोक सेवा आयोग को तत्काल प्रार्थी को साक्षात्कार में शामिल करने का निर्देश दिया. हाई कोर्ट के आदेश के बाद याचिकाकर्ता साक्षात्कार में भाग ले सकेंगे. अदालत के आदेश से प्रार्थी को बड़ी राहत मिली है. इसके साथ ही यूजीसी को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है. मामले की अगली सुनवाई अब जनवरी में होगी.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि याचिकाकर्ता ने सहायक प्रोफेसर नियुक्ति के लिए निकाले गए विज्ञापन के बाद भूगोल विषय में आवेदन किया है. लेकिन आयोग ने उसे साक्षात्कार में बैठने की अनुमति नहीं दी. आयोग के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने आयोग पर आरोप लगाया है कि आयोग ने साक्षात्कार में शामिल होने के लिए उन पर जो रोक लगाया है वो गलत है. आज इसी याचिका पर सुनवाई हुई.