रांची: असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय को छोड़कर सभी विश्वविद्यालयों पर 10-10 हजार का जुर्माना लगााया है. हाई कोर्ट के बार-बार समय देने के बावजूद विश्वविद्यालयों के द्वारा जवाब नहीं पेश किए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कोर्ट ने ये आदेश दिया है. मामले में अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी.
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विश्वविद्यालयों को कड़ी फटकार
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने सभी विश्वविद्यालय के अधिवक्ताओं से पूछा कि विश्वविद्यालयों ने जवाब पेश कर दिया है. जिस पर विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग को छोड़कर किसी भी विश्वविद्यालय की ओर से जवाब पेश नहीं किया गया था. इस पर नाराज हाई कोर्ट ने पूछा कि बार-बार समय दिए जाने के बावजूद भी विश्वविद्यालय की ओर से क्यों नहीं जवाब पेश किया गया. अदालत के आदेश को क्यों हल्के में लिया जाता है. इसके बाद कोर्ट ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए सभी विश्वविद्यालयों पर 10 हजार का जुर्माना लगा दिया.