रांचीः राजधानी रांची में पुलिस महकमे ने अपने वैसे साथी जो कोरोना का शिकार हो रहे हैं, उनके इलाज और आइसोलेसन लिए बेहतरीन व्यवस्था की है. पुलिसकर्मियों के बीच कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए रांची पुलिस गंभीर है. ऐसे पुलिसकर्मियों के लिए रांची के कुटे स्थित विस्थापित भवन में 200 बेड का ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त और 300 बिना सिलेंडर युक्त बेड की व्यवस्था की गई है. आइसोलेशन सेंटर में पुलिसकर्मियों को बेहतरीन सुविधाएं दी गई हैं, जिनके बल पर वो जल्द से स्वस्थ हो रहे हैं.
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मेडिकल टीम के साथ एंबुलेंस
सेंटर में तीन डॉक्टर के साथ-साथ पर्याप्त नर्सिंग स्टाफ की प्रतिनियुक्ति की गई है. इसके साथ ही एसएसपी सुरेंद्र झा के आदेश पर कोविड-19 मेडिकल सपोर्ट टीम का भी गठन किया गया है. ये टीमें कोरोना से निपटने में मदद करेगी. टीम डॉक्टर और संबंधित विभाग से समन्वय स्थापित कर काम करेगी. कोविड-19 मेडिकल सपोर्ट टीम को तीन अलग-अलग टीमों में बांटा गया है.
टीम वन - कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों को मेडिसिन, इम्युनिटी बुस्टर तथा आपातकाल में एंबुलेस, ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करेगा.
टीम दो - कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मी और उनके परिवार के सदस्यों से बात कर स्वास्थ्य और आवश्यकताओं पर ध्यान देगें.
टीम तीन - कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों की सहायता के लिए उनके परिवार के सदस्यों को मास्क, सेनेटाइजर, ग्लब्स, सर्जिकल कैप, ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर सहित अन्य समान की व्यवस्था करेंगे.
आइसोलेशन सेंटर की विशेष निगरानी
कोविड के व्यापक फैलाव के कारण पुलिस पदाधिकारी और कर्मी के साथ-साथ उनके परिवार भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. संक्रमित पुलिसकर्मी और परिजनों को कोविड आइसोलेसन सेंटर में रखा जा रहा है. तीनों सपोर्टिक टीम के अलावा आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कर्मी के लिए दैनिक कार्य कारिणी संचालन समिति का गठन किया गया है.
बेड़ो अंचल के इंस्पेक्टर नीरज दिन-रात अपनी देख-रेख में संक्रमित जवानों की देखभाल कर रहे हैं. इंस्पेक्टर नीरज ने बताया कि अब तक कुल 77 कोविड-19 संक्रमित पुलिस के जवान यहां आए थे, जिनमें अधिकांश ठीक होकर वापस भी जा चुके हैं.
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पौष्टिक भोजन की है व्यवस्था
आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कराए गए मरीज को बेहतर इलाज के साथ-साथ खान-पान की भी विशेष निगरानी रखी जा रही है. इसके लिए मेस कमिटी का गठन किया गया है. जो आइसोलेसन सेंटर में भर्ती पुलिस पदाधिकारी कर्मी और उनके परिवार के सदस्यों के लिए पौष्टिक भोजन मिल रहा है या नहीं, उसकी निगरानी कर रहे हैं. इंस्पेक्टर नीरज ने बताया कि संक्रमित जवानों को खाने में अंडा, चिकन, पनीर के साथ-साथ काढ़ा और आयुर्वेदिक दवाइयां भी दी जा रही हैं.
गंभीर मरीज को तत्काल अस्पताल भेजने की व्यवस्था
आइसोलेसन सेंटर में भर्ती मरीज को विशेष परिस्थिति में शहर के मुख्य कोविड अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ने को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है. आइसोलेशन सेंटर के बाहर तीन एंबुलेंस 24 घंटे तैनात रहते हैं. अगर किसी जवान की स्थिति बिगड़ती है तो उसे फौरन शहर के दूसरे अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा. हालांकि तय यह भी हुआ है कि कोविड सेंटर में कोरोना संक्रमित मरीज के अलावा अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित कर्मी को भर्ती नहीं किया जाएगा.
आइसोलेसन सेंटर में प्रशासनिक पदाधिकारी एसिम्टोमेटिक मरीज के भर्ती करने के दौरान समय सारणी, विभाग, पदस्थापन और संक्रमण लक्षण संचिका में प्रविष्ट करेंगे. संक्रमित व्यक्ति के भर्ती के दौरान पंजीयन संख्या आवंटित करेंगे. साथ भर्ती के दौरान चिकित्सक से मरीज के ब्लड प्रेसर, टैम्प्रेचर, वजन की जानकारी पंजीयन में रखेंगे. भर्ती के समय संबंधित मरीज के अन्य किसी रोग से ग्रसित होने के बारे में जानकारी मिलती है तो विशेषज्ञ अस्पताल में भर्ती किया जाएगा.
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साफ-सफाई से लेकर सुरक्षा पर विशेष ध्यान
प्रशासनिक टीम मेडिकेयर संस्था के बायो वेस्ट डिस्पोजल और कोविड हाउस कीपिंग की टीम से समन्यवय स्थापित करते हुए, दैनिक साफ-सफाई पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. आइसोलेसन सेंटर में व्यवस्थापित लॉजिस्टिक स्टोर का भी नियमित सेनेटाइजेशन किया जा रहा है.
ठीक हो कर जाने पर लगाते हैं पौधे
आइसोलेशन सेंटर से पुलिसकर्मी पूरी तरह से स्वस्थ होकर वापस अपने घर जाते हैं. वह जाने से पहले परिसर में ऑक्सीजन देने वाले पौधे लगाकर जाते हैं. इनमें सबसे ज्यादा पीपल और नीम के पेड़ लगाए जाते हैं. माना जा रहा है कि यह दोनों पेड़ ऑक्सीजन के लिए बेहद खास होते हैं.