नयी दिल्ली: कोरोना लॉकडाउन में झारखंड के लाखों मजदूर अलग अलग राज्यों में फंसे हैं. वहीं, स्पेशल ट्रेनों के जरिए अलग-अलग राज्यों में फंसे झारखंडी मजदूरों को झारखंड लाया जा रहा है. लेकिन अभी भी लाखों की तादाद में अलग-अलग प्रदेशों में झारखंड के मजदूर फंसे हुए हैं. उनके पास न पैस हैं न खाने-पीने की चीजे. उन लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि झारखंड के बहरागोड़ा प्रखंड के पूर्वांचल क्षेत्र के विभिन्न गांवों के दर्जनों युवा मजदूर तमिलनाडु के कोयंबटुर स्थित एक प्लांट में कार्यरत हैं. लाॅकडाउन के दौरान इन युवा मजदूरों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना पड़ रहा था. भोजन सामग्री भी समाप्त हो चुकी थी. इन 27 मजदूरों में से बालक सिंह मुंडा ने झारखंड बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी से संपर्क कर अपनी कठिनाइयों के बारे में बताया. जिसके बाद डॉ गोस्वामी ने केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री और राज्य के पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा से इन मजदूरों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए तमिलनाडु सरकार से बात करने का आग्रह किया.