रांची: झारखंड के बड़े शराब कारोबारियों में से एक अनूप चावला पर हुए फायरिंग मामले में सीआईडी ने अपनी जांच पूरी कर ली है. इस मामले में सीआईडी ने तीसरी पूरक चार्जशीट भी दायर कर दी है.
जांच पूरी
सीआईडी ने अपनी तफ्तीश में साल 2009 में आजसू के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके राकेश कुमार सिंह उर्फ डिंपू को इस फायरिंग मामले का मास्टरमाइंड माना है. इस मामले में बिहार में अपहरण का उद्योग चलाने वाले के चंदन सुनार गिरोह के शूटर राकेश सिंह को फरार दिखाते हुए चार्जशीट दाखिल किया गया है. अनूप चावला पर फायरिंग करने के आरोप में शूटर बृजेश कुमार उर्फ मुन्ना सिंह, मुकेश कुमार सिंह उर्फ खली और सुजीत उपाध्याय उर्फ बिट्टू पर भी चार्जशीट दाखिल किया गया है. सीआईडी से मिली जानकारी के अनुसार, मामले में राकेश सिंह अब तक फरार है. ऐसे में उसे फरार दिखाते हुए सीआईडी ने अपनी चार्जशीट को फाइनल किया है. इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है.
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2015 की वारदात
साल 2015 के 29 मई कि रात शराब कारोबारी अनूप चावला पर अपराधियों ने उस समय फायरिंग की थी जब वह अपने मेन रोड स्थित वाइन शॉप में बैठे हुए थे. सीआईडी अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि अनूप चावला की हत्या की साजिश रचने में आजसू से विधानसभा चुनाव लड़ चुके राकेश कुमार सिंह, चंदन सोनार का सहयोगी राकेश सिंह, पटना के बख्तियारपुर का मुकेश कुमार सिंह उर्फ खली और रांची के मोरहाबादी का रहने वाला बृजेश उर्फ छोटू शामिल थे. चावला को मारने के लिए सुजीत उर्फ बिट्टू और बृजेश उर्फ मुन्ना सिंह दुकान पहुंचे थे. दोनों ने चावला के पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. फायरिंग के दौरान चावला को 3 गोलियां लगी थी. भागने के दौरान अपराधियों को मुकेश कुमार सिंह उर्फ खली ने मदद की थी.
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शराब के टेंडर को लेकर किया गया था हमला
सीआईडी के जांच में यह बात सामने आई है कि राकेश कुमार सिंह उर्फ डिंपू ने रांची के कई इलाकों में शराब दुकान लेने की योजना बनाई थी. दुकान का टेंडर किसी और को न मिले इसके लिए अनूप चावला से बातचीत की कोशिश भी की गई थी. लेकिन अपराधियों का संपर्क चावला से नहीं हो पाया था. बाद में अनूप चावला के ही लोगों को दुकान का टेंडर मिल गया. ऐसे में अपराधियों ने उनकी हत्या की साजिश रची थी. हमले की साजिश को अंजाम देने के लिए चोरी की बाइक और पिस्टल का जुगाड़ किया गया था. हत्याकांड को अंजाम देने के लिए कोलकाता में अपराधियों ने मीटिंग की थी. हालांकि, इस हमले में तीन गोलियां लगने के बावजूद शराब कारोबारी चावला बच गए थे.