रांचीः झारखंड से कुपोषण को दूर करने के लिए सरकार की ओर से आंगनबाड़ी सेंटर और आंगनबाड़ी सेविका सहायिका नियुक्ति की गई है. जिससे गांव के गरीब बच्चों को कुपोषण से दूर रखा जा सके. इसके लिए बच्चों के बीच एनर्जी फूड का वितरण किया जा रहा. जिसे सरकारी भाषा में ready-to-eat (RTE) कहा जाता है. इस फूड को बच्चे काफी पसंद भी कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार आरटीई वैसे बच्चों के लिए है जो 6 महीने से 3 साल तक के हैं. रेडी-टू-इट को बांटने वाले पैकेट का निरीक्षण करने पर पता चला कि उसको बनाने में सोयाबीन, गेहूं, दाल, रागी, चीनी और खाद्य तेल का प्रयोग किया जाता है. इसके साथ ही विटामिन और मिनरल्स से मिलाकर एक कंपलीट फूड बनाया जाता है, जो कि बच्चों में हो रहे कुपोषण से लड़ने में अत्यंत प्रभावी हैं.
आरटीई को बदलकर टीएचआर का निर्णय
हालांकि सरकार की ओर से इसे बंद करने का निर्णय लिया गया है और इसकी जगह पर एक नई स्कीम चालू की गई है. जिसमें बंद करके सूखा राशन यानी (THR) बांटने का निर्णय लिया गया है. सूखा राशन के तहत दाल, मूंगफली, चना, गुड़ और आलू का वितरण किया जाएगा. जिसको लेकर आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका विरोध करने लगी हैं.