झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

बोकारो: विस्थापितों के घर पर चले बुलडोजर के खिलाफ लोगों मे आक्रोश, तंबू लगाकर प्रदर्शन शुरू

बोकारो में उत्तरी क्षेत्र के विस्थापित धनघरी गांव के दस घरों को 23 सितंबर को प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया गया. ये घर रेलवे लाइन दोहरीकरण में बाधक बने (obstacle in doubling of railway line) थे. अब ग्रामीणों में काफी आक्रोश दिख रहा है (Anger among people against demolishing houses ) और विस्थापित हुए लोग धनघरी गांव में ही तंबू गाड़ कर आंदोलन पर बैठ गए हैं.

Anger among people against demolishing houses of displaced people in Bokaro
Etv Bharat

By

Published : Sep 27, 2022, 9:13 PM IST

बोकारो: हरला थाना क्षेत्र में रेलवे और जिला प्रशासन ने धनघरी गांव में विस्थापितों पर जबरन चलाए गए बुलडोजर को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश दिख रहा है (Anger among people against demolishing houses). इसे लेकर बोकारो जिले के सेल को अपनी जमीन देकर विस्थापित हुए लोगों ने धनघरी गांव में तंबू गाड़ कर आंदोलन पर बैठ गए हैं. ये लोग सेल और रेल से जहां इन 16 घरों पर चले बुलडोजर के बाद मुआवजा और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें:बोकारो में प्रशासन का बुलडोजर चला, रेल लाइन दोहरीकरण में बाधक घर जमींदोज हुए

बोकारो में प्रदर्शन कर रहे इन लोगों को धनबाद के तोपचांची में रहने वाले भाषाई और 1932 खतियान की मांग करने वाले जय राम महतो ने अपना समर्थन दिया है. जयराम प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और विस्थापितों के समर्थन में उतर कर धनघरी गांव के आंदोलन को धारदार बनाकर सेल और रेल के प्रबंधन के खिलाफ आरपार की लड़ाई का एलान कर दिया है. उनका कहना है कि मुआवजा और पुनर्वास के बिना ही किसी के घर को तोड़ना विस्थापन नीति नहीं है. जयराम महतो कहा कहना है कि वह विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अत्याचार के खिलाफ उनके नेतृत्व में इस बार आर पार की लड़ाई होगी.

देखें वीडियो

मामला बोकारो तूपकाडीह तलगाड़िया टीटी रेलवे लाइन दोहरीकरण से जुड़ा हुआ है. उत्तरी क्षेत्र के विस्थापित धनघरी गांव के दस घर रेलवे लाइन दोहरी करण में बाधक बने थे. इन्हीं को जमींदोज किया गया. पुलिस प्रशासन का कहना है कि जिन घरों को जमींदोज किया गया है, उनमें रहने वाले परिवार रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण किए हुए थे. इनको कई बार घर खाली करने का नोटिस दिया जा चुका था. 23 सितंबर को इन पर कार्रवाई की गई. इधर पीड़ित परिवारों का कहना है कि उन्होंने बोकारो स्टील प्लांट को जमीन दी थी और इसके बाद यहां बसे थे. लेकिन अब बीएसएल ने चुपके से यह जमीन रेलवे को दे दी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details