रांची: 20 अप्रैल से दिये जा रहे लॉकडाउन में सहूलियत को लेकर झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने इसका समर्थन किया है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि दूसरे राज्यों में फंसे झारखंड के छात्रों को लाने के लिए कोई विशेष पहल नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि झारखंड के बच्चे न सिर्फ कोटा में है बल्कि बेंगलुरु, ओडिशा, पटना समेत कई राज्यों में फंसे हैं.
मंत्री रामेश्वर उरांव से बातचीत बच्चे लगातार संपर्क में भी हैं और उनसे यही कहा जा रहा है कि 3 मई तक उन्हें लॉकडाउन में ही रहना पड़ेगा. अगर उन्हें किसी तरह की दिक्कत होगी तो तमाम सुविधाएं राज्य सरकार मुहैया कराएगी. इसलिए यह कहना कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोटा से अपने छात्रों को बुलाने के लिए विशेष पहल की है और झारखंड सरकार को भी ऐसा करना चाहिए यह तार्किक नहीं है. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हवाला दिया और कहा कि बिहार सरकार भी लॉकडाउन के पक्ष में है.
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दूसरी तरफ 20 अप्रैल से ग्रीन जोन के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि सेक्टर में छूट, लघु उद्योगों के संचालन और एनएच पर ढाबे खोले जाने के बाबत मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है. यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस के विधायक बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि 20 अप्रैल से सरकारी दफ्तरों में कामकाज शुरू नहीं करना चाहिए, क्योंकि रांची के हिंदपीढ़ी से निकलकर कोरोना वायरस बेड़ो पहुंच गया है और लोग खौफ में हैं. इसके जवाब में मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि यह बंधु तिर्की की व्यक्तिगत राय है इस पर कुछ भी कहना ठीक नहीं है.
एप में दिक्कत है, मानता हूंः रामेश्वर उरांव
प्रवासी मजदूरों तक आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए लॉन्च किए गए सहायता एप के बाबत उन्होंने कहा कि एप में कुछ टेक्निकल दिक्कतें आई हैं, इसकी उन्हें जानकारी है. उन दिक्कतों को ठीक किया जा रहा है और बड़ी संख्या में एप डाउनलोड भी हुआ है और लोगों ने संपर्क भी साधा है. मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि इसी सिलसिले में आज वह विभागीय अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को लेकर समीक्षा करेंगे और सरकार की पूरी कोशिश होगी कि जल्द से जल्द प्रवासी मजदूरों तक आर्थिक सहायता पहुंचायी जाए.