रांची:कंफेडरेशन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी सह ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन के सलाहकार सुनील कुमार ने केंद्र सरकार को कॉर्पोरेट समर्थक बताते हुए आरोप लगाया कि एक साजिश के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. उन्होंने कहा कि निजीकरण की वजह से भविष्य में देश में भयंकर बेरोजगारी का संकट होगा. लोगों को असमान वेतन और काम के अनियमित घंटे से जूझना पड़ेगा.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन के सलाहकार सुनील कुमार ने कहा कि सर्वजनिक बैंकों ने 45 करोड़ जनधन खाते खोले जो कुल खातों का 97% है. शिक्षा के लिए 80% लोन सार्वजनिक बैंकों ने दिया है. मुद्रा लोन का 90% हिस्सा सरकारी बैंकों ने वहन किया है. लोग कहते हैं कि निजी बैंक में सुविधा ज्यादा मिलती है लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि निजी बैंक में खाता खोलने के लिए कितने पैसे जमा करने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ही कारगर भूमिका निभा सकते हैं. बैंकों का निजीकरण होने से नीचे का तबका प्रभावित होगा. निजी सेक्टर के बैंक से शहरों पर फोकस करते हैं.