रांचीः आरयू में इन दिनों नामांकन का दौर जारी है, लेकिन शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में नामांकन की स्थिति काफी दयनीय है. विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडे ने भी मामले को लेकर चिंता व्यक्त की है, लेकिन वैकल्पिक रास्ता निकालकर शत-प्रतिशत नामांकन किए जाने को लेकर व्यवस्थाएं की जा रही हैं. वहीं, सेशन लेट ना हो इसे लेकर भी विश्वविद्यालय स्तर पर कई उपाय किए जा रहे हैं.
कोरोना महामारी के करण शिक्षा व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा है, लेकिन अब धीरे-धीरे व्यवस्थाओं को सुधारने को लेकर शिक्षा व्यवस्था से जुड़े लोग प्रयासरत हैं. वहीं, कॉलेज और विश्वविद्यालयों के पठन-पाठन को पटरी पर लाने के लिए लगातार कई उपाय किए जा रहे हैं. इन दिनों रांची विश्वविद्यालय में नामांकन का दौर जारी है. पिछले सेशन को कंप्लीट करने के लिए लगातार परीक्षाएं ली जा रही हैं. वहीं, रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत कई परीक्षाओं का आयोजन कर लिया गया है तो कई परीक्षाएं संचालित हो रही हैं. इधर, विश्वविद्यालय की ओर से उच्च शिक्षा विभाग जारी दिशा-निर्देश के तहत चांसलर पोर्टल के जरिए नामांकन ले रही है और इस वर्ष कोरोना के कारण नामांकन की रफ्तार भी काफी धीमी है, जो विश्वविद्यालय के लिए चिंता का विषय है.
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जानकारी के अनुसार, नामांकन अगर सही समय पर नहीं लिया जाता है तो आने वाला सेशन और भी लेट हो जाएगा. पहले से ही विश्वविद्यालय का सेशन लेट चल रहा है. ऐसे में कोरोना का असर रांची विश्वविद्यालय के नियमित सेशन पर पड़ रहा है. विश्वविद्यालय में नामांकन की प्रक्रिया जारी है. चांसलर पोर्टल को भी फिलहाल ओपन रखा गया है. विशेषकर उन विषयों में जहां नामांकन पर्याप्त संख्या में नहीं हो पाए हैं. उनके लिए अलग से व्यवस्था भी की जा रही है. बहुत से कॉलेजों की ओर से विश्वविद्यालय प्रबंधन को आग्रह किया गया है कि फिलहाल उनके लिए चांसलर पोर्टल ओपन रखा जाए.