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राज्यसभा चुनाव 2016 मामला: निलंबित एडीजी अब 15 सितंबर को रखेंगे अपना पक्ष

एडीजी अनुराग गुप्ता अपने ऊपर चल रहे विभागीय कार्रवाई को लेकर अब अपना पक्ष 15 सितंबर को रखेंगे. राज्यसभा चुनाव 2016 में हुई गड़बड़ी मामले में अनुराग गुप्ता आरोपी हैं.

ADG Anurag Gupta will give statement on 15 September in Rajya Sabha election case
राज्यसभा चुनाव 2016 मामला

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Published : Sep 2, 2020, 3:45 PM IST

रांची: राज्यसभा चुनाव 2016 में हुई गड़बड़ी मामले में आरोपी एडीजी अनुराग गुप्ता अपने ऊपर चल रहे विभागीय कार्रवाई को लेकर अब अपना पक्ष 15 सितंबर को रखेंगे. झारखंड सरकार की ओर से 14 फरवरी को निलंबित किए गए एडीजी अनुराग गुप्ता को डीजीपी एमवी राव ने विभागीय कार्रवाई में पक्ष रखने के लिए 31 अगस्त को बुलाया था, लेकिन 31 अगस्त को एडीजी अनुराग गुप्ता डीजीपी के सामने उपस्थित नहीं हो पाए थे. उन्होंने कोरोना संक्रमण और कई दूसरी वजह को लेकर अपने उपस्थित होने में असमर्थता जताई थी. ऐसे में अब उन्हें 15 सितंबर को अपना पक्ष रखना है.

जारी हुआ था नोटिस

राज्यसभा चुनाव 2016 में गड़बड़ी के आरोप में जांच के घेरे में चल रहे एडीजी अनुराग गुप्ता को नोटिस जारी कर 31 अगस्त को अपना पक्ष रखने के लिए हाजिर होने का आदेश दिया गया था, लेकिन अनुराग गुप्ता 31 को उपस्थित नहीं हुए. गौरतलब है कि चुनाव में हुए गड़बड़ी को लेकर एडीजी अनुराग गुप्ता के खिलाफ भारत निर्वाचन आयोग के आदेश पर विभागीय कार्रवाई चल रही है. विभागीय कार्रवाई के संचालन पदाधिकारी झारखंड के डी डीजीपी एमवी राव ही हैं. अनुराग गुप्ता को अपना पक्ष डीजीपी के सामने ही रखना है, जहां एक तरफ अनुराग गुप्ता अपना पक्ष रखेंगे. वहीं, सरकार की तरफ से जगन्नाथपुर थाने में दर्ज एफआईआर करवाने वाले अविनाश ठाकुर सरकार का पक्ष रखेंगे.

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बिना किसी विभाग के मुख्यालय में हैं अनुराग गुप्ता

गौरतलब है कि राज्यसभा सभा चुनाव 2016 में हुई गड़बड़ी को लेकर तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता और मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अजय कुमार के ऊपर कई गंभीर आरोप लगे थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एडीजी अनुराग गुप्ता को निलंबित कर दिया था. वर्तमान में अनुराग गुप्ता बिना किसी विभाग के पुलिस मुख्यालय में योगदान दे रहे हैं. 2016 में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के लिए कांग्रेस की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को रुपयों का लालच दिया गया था. इसके साथ ही उनके पति योगेंद्र साव को भी धमकाया गया था. इससे संबंधित ऑडियो और वीडियो भी जारी हुआ था. इस पूरे मामले में एडीजी अनुराग गुप्ता की भूमिका संदिग्ध है. दो दिन पहले ही निर्मला देवी ने कोर्ट को मूल यंत्र जमा करवाया है, जिसका अब फॉरेंसिक जांच करवाया जाएगा.

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