रांची: एसएसपी अनीश गुप्ता ने शराब और जमीन के अवैध कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है. समाज के लिए घातक बन चुके जमीन माफिया और शराब कारोबारियों के खिलाफ अब पुलिस क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) के तहत कार्रवाई की जाएगी. रांची एसएसपी ने राजधानी के लिए खतरनाक हो चुके शराब और जमीन के अवैध कारोबारियों की एक लिस्ट रांची डीसी को भेजा है, ताकि उन पर सीसीए के तहत कार्रवाई की जा सके.
एसएसपी ने भेजा प्रस्ताव, नामों का खुलासा अभी नहीं
रांची जिला में सक्रिय अवैध शराब के कारोबारी और जमीन माफिया जिलाबदर भी किए जाएंगे. इसके साथ ही उन्हें थाना में हाजिरी भी लगाना होगा. रांची एसएसपी ने निर्णय लिया है कि पुराने शराब कारोबारी जिनके खिलाफ पहले से शराब तस्करी या बेचने के आरोप में दो या उसके अधिक केस दर्ज हैं, उनके खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें-ETV BHARAT IMPACT: पारा शिक्षक रामेश्वर यादव हुआ बर्खास्त, रसोईया के साथ हुई थी मारपीट
सीसीए और थाना हाजिरी की कार्रवाई
इसके अलावा वैसे पुराने शराब कारोबारी, जिनके खिलाफ एक केस दर्ज है या उनका नाम संदिग्ध शराब कारोबारी के रूप में सामने आ चुका है, पुलिस उनके खिलाफ थाना हाजिरी का प्रस्ताव तैयार करेगी. दूसरी तरफ वैसे जमीन के कारोबारी जिनकी वजह से शहर में आपराधिक वारदातों में वृद्धि हो रही है उनके खिलाफ भी सीसीए और थाना हाजिरी की कार्रवाई की जा रही.
भेजे गए लिस्ट
रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि क्राइम कंट्रोल एक्ट के तहत जेल से छूटे वैसे अपराधी जिनके ऊपर एक से अधिक मामले दर्ज हैं, उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीए के तहत थाना हाजिरी का प्रस्ताव भेजा गया है. इसके अलावा सभी थानों में खासकर ऐसे व्यक्ति जो अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त हैं या जिनके ऊपर पूर्व में मामले दर्ज हैं, साथ ही जो जमीन के कारोबार में जो जमीन विवाद होते हैं उसमें आपराधिक वारदातों को अंजाम देने की मनसा से कांड करवाने वाले कारोबारियों के खिलाफ सीसीए का प्रस्ताव भेजा गया है. हालांकि जिन जमीन माफिया और शराब के कारोबारियों के लिस्ट सीसीए के लिए भेए गए हैं फिलहाल उसका खुलासा नहीं किया गया है.
राज्यभर में जमीन माफियाओं का 39 गिरोह, राजधानी में सबसे अधिक
राज्य भर में जमीन माफिया का 39 गिरोह सक्रिय है. इनमें से सबसे ज्यादा राजधानी रांची में सक्रिय है. इसके पीछे की मुख्य वजह राजधानी रांची की जमीन की कीमतों का आसमान छूना है. जो भी जमीन माफिया सक्रिय हैं अधिकांश की आपराधिक गतिविधि रही है. पुलिस की खूफिया विभाग ने इस संबंध में रांची सहित अन्य जिलों के एसपी को अलर्ट कर चुकी है, बावजूद अपराधियों का गिरोह सक्रिय है. रांची के नामकुम, ओरमांझी, टाटीसिल्वे, रातू, नगड़ी, कांके, पिठोरिया, हटिया, जगन्नाथपुर, तुपुदाना इलाका जमीन माफियाओं की गिरफ्त में है. इन इलाकों में जमीन को लेकर अक्सर खूनी संघर्ष सामने आते रहते हैं.
जमीन की कारोबार में उतरे कई अपराधी
राजधानी रांची के कई हिस्ट्रीशीटर अब जमीन के धंधे में उतर चुके हैं. जमीन माफियाओं का संरक्षण मिल गया है. जगन्नाथपुर, तुपुदाना, पंडरा ओपी क्षेत्र के फ्रेंड्स कॉलोनी, हिंदपीढ़ी, सुखदेव नगर सहित अन्य इलाकों के अपराधी जमीन के धंधे में उतर चुके हैं. झारखंड पुलिस के प्रवक्ता आईजी आशीष बत्रा के अनुसार यह सही है कि आपराधिक वारदातों के पीछे जमीन विवाद अक्सर कारण होता है. आईजी के अनुसार जमीन को लेकर अक्सर शहर में लो एंड ऑर्डर की समस्या के साथ-साथ दूसरी आपराधिक वारदातें भी होती हैं. आईजी बत्रा के अनुसार यही वजह है कि डीजीपी के आदेश के बाद जमीन माफियाओं की एक लिस्ट तैयार कर पुलिस को दी गई है, ताकि उन पर कार्रवाई की जा सके.
मिलता रहा है पुलिस का संरक्षण
पुलिस भले ही यह दावा कर रही है कि वह शराब और जमीन के अवैध कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है. लेकिन इन सब के बीच एक कड़वी हकीकत यह भी है की जमीन कारोबारियों को संरक्षण देने का काम पुलिसवाले भी करते रहे हैं. जमीन की आसमान छूती कीमतों की वजह से जमीन माफिया पुलिसवालों को अच्छी खासी रकम मामले को मैनेज करने के लिए देते हैं. यही वजह है कि पुलिस पर अक्सर यह आरोप लगता रहता है कि वह जमीन कारोबारियों को संरक्षण देते हैं.
ये भी पढ़ें-लातेहारः नदी के तेज बहाव में बह गए 5 बच्चे, 2 की हुई मौत
कार्रवाई की जाएगी
ऐसा ही हाल शराब के अवैध कारोबारियों का भी है. राजधानी रांची के अधिकांश ढाबों और होटलों में अवैध शराब परोसी जाती है और यह सब कुछ थाना को सेट करके किया जाता है. इस मामले को लेकर रांची रेंज के डीआईजी अमोल वी होमकर काफी गंभीर नजर आते हैं. डीआईजी के अनुसार सीनियर अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे रेगुलर थाना का विजिट करते रहें और अपने जूनियर अधिकारियों पर नजर रखें. डीआईजी के अनुसार इन मामलों में अगर कोई भी अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी पहले की गई है और अगर नए मामले सामने आते हैं तो भी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.