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लॉक डाउन बना एक्सीडेंटल डेथ का ब्रेकर, कई स्थानों पर एक्सीडेंटल एफआईआर हुआ जीरो

कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया लॉकडाउन में जीने के मजबूर है. लॉकडाउन से लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच रहे हैं, रोजगार नहीं मिल रहा. वहीं इसी लॉकडाउन की वजह से लोग कोरोना से बच पा रहे हैं. लॉकडाउन का एक ऐसा ही फायदा हम बताने वाले हैं आपको. लॉकडाउन कोरोना से तो लोगों को बचा ही रहा है, लेकिन एक्सीडेंट से होने वाले तबाही से भी बचा रहा. लॉकडाउन एक्सीडेंटल डेथ पर ब्रेकर का काम कर रहा है. लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च से लेकर 02 मई तक महज 7 एक्सीडेंट हुए हैं, जिनमें 4 लोगों की मौत हुई है.

Accident incident reduced in Ranchi
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Published : May 3, 2020, 8:07 PM IST

रांची: सड़क दुर्घटनाओं से परेशान रांची के लिए यह लॉकडाउन एक्सीडेंटल डेथ पर ब्रेकर का काम कर रहा है. लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च से लेकर 02 मई तक महज 7 एक्सीडेंट हुए हैं, जिनमें 4 लोगों की मौत हुई है. यह आंकड़ें अन्य महीनों के आंकड़ों की तुलना में काफी कम है.

देखिए स्पेशल स्टोरी

हर महीना 50 दुर्घटना

राजधानी में हर महीने करीब 50 से अधिक दुर्घटनाए होती हैं, जिनमें 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. इसे रोकने के लिए सड़क सुरक्षा समिति और जिला प्रशासन के द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन समाधान नहीं निकल पा रहा. दो साल में 781 लोगों ने सड़क दुर्घटना में अपनी जान गवां दी है. वर्ष 2018 की तुलना में बीते वर्ष 2019 में दुर्घटनाओं में कमी आई. मगर इन दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़ गई.

2019 में सड़क हादसा

लॉकडाउन में 4 मौत

पिछले तीन महीने में राजधानी में 179 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जनवरी 68, फरवरी 64, जबकि मार्च में 47 एक्सीडेंट हुए हैं, जिनमें 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, लेकिन लॉक डाउन के बाद यानी मार्च 25 से 02 मई के बीच मात्र 4 मौत हुई.

2019 में सड़क हादसा

क्या है पहले के आंकड़े

जिला सड़क सुरक्षा समिति के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018 में रांची जिला में कुल 673 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 333 लोगों की मौत हुई, जबकि वर्ष 2019 में 659 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 448 लोगों की मौत हो गई. मतलब वर्ष 2018 के मुकाबले वर्ष 2019 में 14 सड़क दुर्घटनाएं कम हुई, लेकिन इसमें मरने वालों की संख्या 115 बढ़ गई. राहत की बात यह है कि गंभीर रूप से घायल वर्ष 2018 में 412 लोग हुए थे, जबकि पिछले साल 387 लोग.

2019 में सड़क हादसा

रांची में दुर्घटना के पांच कारण

  • सड़कों पर साइन बोर्ड नहीं है, लेकिन ब्रेकर है
  • रांची-टाटा, रांची-पटना और रिंग रोड पर स्पीडो मीटर का नहीं होना
  • ड्राइविंग के वक्त फोन का इस्तेमाल करना
  • शराब पीकर गाड़ी चलाना
  • तेज रफ्तार वाहन चलाने से अधिकतर दुर्घटनाएं

जनवरी में 1295 डीएल सस्पेंड

नए ट्रैफिक नियम के लागू होने के बाद नियम तोड़ने वालों के खिलाफ रांची जिला में खूब कड़ाई हुई. वर्ष 2018 में जहां महज 74 ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किए गए थे. वहीं, वर्ष 2019 में यह संख्या 1942 पहुंच गई, जबकि इस वर्ष जनवरी में 1295 चालकों का डीएल सस्पेंड किया गया. अगस्त 2019 तक 108 लाइसेंस ही सस्पेंड हुए थे, लेकिन सितंबर में नए नियम के आने के बाद इसकी संख्या एक महीने में ही 246 हो गई. वर्ष 2019 में सबसे ज्यादा नवंबर महीने में 1217 लाइसेंस सस्पेंड किए गए.

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1.5 करोड़ से ऊपर की फाइन वसूली

ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ वर्ष 2019 के जनवरी से दिसंबर महीने तक 2,16,099 वाहनों का चालान काटा गया, जिसमें करीब 8 करोड़ रुपए वसूले गए. 2019 में 8, 06,78,308 रुपए की वसूली की गई, लेकिन लॉकडाउन के दौरान एक ही महीने में 1.5 करोड़ से ज्यादा की वसूली की गई. रांची पुलिस ने शुक्रवार को 22 लाख 35 हजार रुपए की वसूली की जो अभी तक की सबसे बड़ी वसूली है. 2019 के आखिरी महीनों अक्टूबर में 89,19,990 रुपए, जबकि नवंबर में 61,58,150 रुपए फाइन में वसूले गए. वहीं, दिसंबर महीने में यह आंकड़ा आधे से भी कम हो गया. इस दौरान 29,87,700 रुपए की वसूली हुई.

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