रांची: ज्रेडा के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार समेत 3 अधिकारियों के खिलाफ एसीबी में दर्ज एफआईआर की जांच में उर्जा विभाग के पदाधिकारियों की मदद ली जाएगी. एसीबी की ओर से दिसंबर महीने में ज्रेडा के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार, परियोजना निदेशक अरविंद कुमार, बलदेव प्रसाद और ज्रेडा में प्रतिनियुक्ति पर रहे कार्यपालक अभियंता श्रीराम सिंह के खिलाफ 170 करोड़ रुपये की अनियमितता के मामले में एफआईआर दर्ज की थी. एसीबी ने एफआईआर दर्ज करने के बाद उर्जा विभाग के कई पदाधिकारियों से पूछताछ की है, लेकिन अब एसीबी पूरे मामले की जांच में उर्जा विभाग के पदाधिकारियों की भी मदद लेगी. एसीबी की ओर से इस संबंध में उर्जा विभाग से पत्राचार किया जाएगा.
एसीबी को उर्जा विभाग की आंतरिक जांच को भी करना है शामिल
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर एसीबी ने निरंजन कुमार के खिलाफ पीई दर्ज की थी. पीई जांच के दौरान एसीबी को परियोजना निदेशक अरविंद कुमार बलदेव प्रसाद और श्रीराम सिंह की भूमिका भी गलत मिली. जिसके बाद निरंजन कुमार के अलावा दोनों पदाधिकारियों को एसीबी ने केस में आरोपी बनाया. एफआईआर दर्ज करने संबंधी आदेश में एसीबी को निर्देश दिया गया था कि पूरे मामले में उर्जा विभाग की आंतरिक जांच को भी शामिल करें. ऐसे में एसीबी ने जांच के क्रम में विभाग के दूसरे पदाधिकारियों का बयान लिया. साथ ही उर्जा विभाग के अफसरों से भी जांच में मदद ली जाएगी, ताकि तकनीकी पहलूओं को जांच में शामिल किया जा सके.
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170 करोड़ की अनियमितता मामले में उर्जा विभाग के अफसरों की मदद लेगी एसीबी, कई अफसरों के लिए गए बयान
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर एसीबी ने निरंजन कुमार के खिलाफ पीई दर्ज की थी. पीई जांच के दौरान एसीबी को परियोजना निदेशक अरविंद कुमार बलदेव प्रसाद और श्रीराम सिंह की भूमिका भी गलत मिली. जिसके बाद निरंजन कुमार के अलावा दोनों पदाधिकारियों को एसीबी ने केस में आरोपी बनाया. एफआईआर दर्ज करने संबंधी आदेश में एसीबी को निर्देश दिया गया था कि पूरे मामले में उर्जा विभाग की आंतरिक जांच को भी शामिल करें.
170 करोड़ की अनियमितता मामले में उर्जा विभाग के अफसरों की मदद लेगी एसीबी
आरोपितों का भी रखना है पूरा पक्ष
जांच में 3 आरोपियों का पूरा पक्ष भी रखा जाना है. एसीबी को एफआइआर दर्ज करने संबंधी मिले आदेश में जिक्र था कि आरोपियों को बचाव में अपना पूरा पक्ष रखने का मौका दिया जाए. साथ ही विभागीय जांच रिपोर्ट को भी ध्यान में रखते हुए अनुसंधान किया जाए.