झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

ACB ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के 13 इंजीनियरों और ठेकेदार पर दर्ज किया एफआईआर - Jharkhand news

ACB ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के 13 इंजीनियरों और ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज किया है. आरोप है कि इन्होंने महागामा ग्रामीण जलापूर्ति योजना में इंजीनियरों की मिलीभगत से ठेकेदार को तकरीबन 70 लाख रुपये अधिक का भुगतान किया गया है.

ACB registers FIR against 13 engineers and contractor
ACB registers FIR against 13 engineers and contractor

By

Published : Apr 22, 2022, 9:53 PM IST

रांची:एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के 13 इंजीनियरों पर एफआईआर दर्ज की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एसीबी की प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए आरोपी इंजीनियरों पर दर्ज करने की अनुमति दी थी. मिली जानकारी के मुताबिक, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने महागामा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के क्रियान्वय के लिए एक योजना तैयार की थी. जिसमें घोटाला किया गया है.

ये भी पढ़ें:झारखंड में हेमंत सरकार पर बीजेपी का हमला जारी, कहा- पेयजल स्वच्छता विभाग में चल रहा है लूट और छूट का खेल

महागामा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के लिए कुल 1.64 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी. लेकिन योजना के क्रियान्वयन के बाद इंजीनियरों की मिलीभगत से ठेकेदार को तकरीबन 70 लाख रुपये अधिक का भुगतान हो गया. मामले में शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने 23 मई 2016 को प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी. जांच के दौरान पेजयल विभाग ने भी इंजीनियरों और ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.


किस किस को बनाया गया आरोपी:एसीबी ने अपने एफआईआर में तीन कार्यपालक अभियंता डीएन प्रसाद, एसके शर्मा, नीलम कुमार, रतन कुमार सिंह, कनीय अभियंता महेंद्र प्रधान, रामानंद मंडल, जेपी सिंह, संवेदन संजीव कुमार, तत्कालीन सहायक अभियंता रामदेव यादव, शंकर पासवान, सहायक अभियंता रासबिहारी सिंह, देवानंद सिंह, पूर्व कनीय अभियंता मनोज कुमार को आरोपी बनाया गया है.

शुक्रवार को दर्ज हुई एफआईआर:शुक्रवार को एसीबी डीजी नीरज सिन्हा के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है, इससे पहले मुख्यमंत्री हेमेत सोरेन ने भी एसीबी की प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद आरोपी इंजीनियरों पर एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी थी. एसीबी अधिकारियों के मुताबिक, गोड्डा जिला के महागामा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता की जांच एसीबी कर रही थी. एसीबी ने मामले में प्रारंभिक जांच में ठेकेदार और इंजीनियरों को दोषी पाया है. जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details