झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

अवैध कमाई करने वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ ACB जांच शुरू, फसेंगे कई पुलिस अधिकारी - फसेंगे कई पुलिस अधिकारी

चतरा स्थित मगध-आम्रपाली परियोजना में अवैध तरीके से कमाई करने वाले पुलिस अफसरों की भूमिका और संपति की एसीबी जांच शुरू हो गई है. जिसमें कई पुलिस अधिकारियों के फंसने की बातें सामने आ रही है. मगध-आम्रपाली कोल परियोजना से पुलिस अफसर की कमायी की रिपोर्ट मंत्रिमंडल और निगरानी विभाग को सौंपी जाएगी.

डिजाइन इमेज

By

Published : Oct 19, 2019, 7:54 AM IST

Updated : Oct 19, 2019, 8:43 AM IST

रांची: मगध-आम्रपाली परियोजना में अवैध तरीके से कमाई करने वाले पुलिस अफसरों की भूमिका और संपति की एसीबी जांच शुरू हो गई है. एसीबी ने एसडीपीओ टंडवा के अनुशंसा पर उग्रवादी संगठन टीपीसी, सीसीएल, कोल ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से पुलिस अफसरों की अवैध कमाई की जांच की है.

चतरा भी गई थी टीम
एसीबी ने शुरूआत में टंडवा के तत्कालीन इंस्पेक्टर बंधन भगत के खिलाफ पीई दर्ज की है. इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार के मंत्रिमंडल और निगरानी विभाग से अनुमति मिलने के बाद एसीबी ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है. एसीबी की टीम जांच के लिए चतरा के कोल परियोजनाओं का दौरा कर चुकी है. एसीबी ने वहां कोल परियोजना से जुड़े ट्रांसपोर्टरों से पूछताछ भी की है. एसीबी अधिकारियों के मुताबिक, चतरा में कोल परियोजना से उगाही करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों की संपत्ति की जांच होगी. एसीबी पीई के आधार पर जांच का दायर बढ़ाएगी. साल 2013 के बाद वहां चतरा में पोस्टेड रहे थानेदार से लेकर आईपीएस अधिकारियों तक की भूमिका पर जांच होगी.

एसडीपीओ ने रिपोर्ट में माना प्रतिटन लेवी 116 रूपये
झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर टंडवा एसपी ने टंडवा एसडीपीओ से टीपीसी उग्रवादी संगठन का भय दिखाकर कोल व्यवसायियों, ठेकेदारों, डीओ होल्डर और पुलिस अफसरों के संबंध में एक रिपोर्ट तैयार की है. यह रिपोर्ट चतरा एसपी के जरिए एसीबी डीजी को भेजी गई है. रिपोर्ट में जिक्र है कि मगध- आम्रपाली कोल परियोजना में प्रति टन 116 रुपये की अवैध वसूली होती है. इसमें से 10 रुपया प्रतिटन स्थानीय थाना को जाता है. कोल परियोजना में प्रेम विकास सिंह उर्फ मंटू सिंह के लिए काम करने वाले प्रमोद कुमार सिंह, अरविंद कुमार समेत अन्य लोगों को पिपरवार थाने बुलाकर पूछताछ की गई थी.

ये भी पढ़ें-रांची: जीजा के मौत के डेढ़ साल बाद साली को हुआ जेल, आत्महत्या के लिए उकसाने का लगाया गया आरोप

पुलिस को कितना पैसा पहुंचा
पूछताछ में बताया गया कि प्रतिमाह औसतन 47 हजार टन कोयला का उठाव होता है, टंडवा थानेदार रहे बंधन भगत को थाना परिसर में जाकर ट्रांसपोर्टरों ने 2.70 लाख जबकि हजारीबाग जाकर मिथुन नाम के एक व्यक्ति को जो थानेदार का दलाल था उसे दो लाख दिया गया. टंडवा एसडीपीओ ने जांच में पुलिस अफसर की भूमिका आने के बाद एसीबी जांच की अनुशंसा की थी. एसीबी ने पूरे मामले की जानकारी मंत्रिमंडल और निगरानी विभाग को दी. जिसके बाद सरकार के स्तर से पुलिस अफसरों की भूमिका की जांच का निर्देश दिया गया.

जांच के बाद मंत्रिमंडल निगरानी को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
मगध-आम्रपाली कोल परियोजना से पुलिस अफसर की कमायी की रिपोर्ट मंत्रिमंडल और निगरानी विभाग को सौंपी जाएगी. निगरानी विभाग के सचिव रवींद्र रंजन ने इस संबंध में एसीबी डीजी नीरज सिन्हा से पत्राचार भी किया है. इसकी पूरी जांच रिपोर्ट की मांग की गई है. बता दें कि एनआईए ने अपने जांच में टीपीसी उग्रवादियों, सीसीएल के अधिकारियों और ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत का खुलासा किया है. हालांकि पुलिस अफसरों की भूमिका की जांच एनआईए ने अब तक नहीं की है.

Last Updated : Oct 19, 2019, 8:43 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details