रांचीः झारखंड में कई मजदूर बंगाल से आकर सपरिवार मजदूरी का काम करते थे. रांची और आसपास के इलाकों में छोटी-छोटी फैक्टरियों में और ठेका मजदूर के रूप में कई कंपनियों में काम करते थे. लॉकडाउन के बाद लगभग साढ़े तीन सौ मजदूर सिल्ली के अलग-अलग क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए थे, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे.
मूरी उर्सुलाईन विद्यालय स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर और अन्य विद्यालयों में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में पिछले एक माह से साढ़े तीन सौ मजदूर रह रहे थे. इन्हें वापस बंगाल भेजने की प्रक्रिया की जा रही थी, लेकिन बंगाल सरकार की ओर से ग्रीन सिग्नल नहीं मिलने से सभी मजदूर वापस क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए थे. वहीं, बंगाल और झारखंड सरकार के बीच समन्वय स्थापित कर साढ़े तीन सौ मजदूरों को 14 बसों में सवार कर बंगाल भेजा गया. सभी मजदूर घर जाने की अनुमति मिलने के बाद बेहद प्रसन्नचित नजर आए.