रांचीः झारखंड विधानसभा परिसर में वन महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान स्पीकर रवींद्रनाथ महतो, सीएम हेमंत सोरेन सहित कई मंत्री विधायक ने परिसर में गुलमोहर का पेड़ लगाकर लोगों से वृक्षारोपण करने की अपील की.
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झारखंड विधानसभा परिसर में स्पीकर रवींद्रनाथ महतो की मौजूदगी में आयोजित वन महोत्सव को सीएम हेमंत सोरेन और संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने संबोधित किया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संबोधित करते हुए कहा कि भौतिकवादी इस युग में पर्यावरण को दूषित होने के लिए कहीं ना कहीं हम आप सभी जिम्मेदार हैं. हाल के दिनों में आ रही आपदा, महामारी इसके संकेत हैं.
सीएम ने कहा कि प्रकृति के साथ-साथ छेड़छाड़ का नतीजा है कि कहीं नदियों में अचानक से बाढ़ आ जाती है तो कहीं नदियां सूख रही हैं. पर्यावरण को संरक्षित करने में हमलोग विफल रहे हैं. विकास के नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं, जो बहुत ही चिंता का कारण है. वृक्षारोपण सरकारी-गैरसरकारी स्तर के साथ-साथ व्यक्तिगत रुप से भी होना चाहिए. इस मुहिम में हम सभी को जुड़ना चाहिए.
सीएम हेमंत सोरेन ने दिए सुझाव
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सुझाव देते हुए कहा कि विधानसभा परिसर में फलदार वृक्ष लगाकर लोगों को संदेश दें और एक मिसाल कायम की जाए. विधानसभा परिसर में फलदार वृक्ष लगाने से रिसोर्स भी विधानसभा को मिलेगा और परिसर प्राकृतिक रुप से सुंदर भी होगा. यह देश का पहला विधानसभा होगा, जो फलदार वृक्षों के बीच होगा. इसके अलावा सभी विधायक को एक-एक पेड़ दान स्वरूप देना चाहिए, जो वो अपने-अपने आवासीय परिसर में लगाएंगे.
72वां वन महोत्सव में सीएम हेमंत का संबोधन स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने बताई पेड़ की महत्तापेड़ की महत्ता को बताते हुए स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि पर्यावरण को संरक्षित करने में पेड़ का खास महत्व है. हाल के दिनों में आई महामारी के समय ऑक्सीजन की कमी ने हमें बहुत कुछ सिखाया है. 72वें वन महोत्सव के जरिए हम सबों को पेड़ लगाने की शपथ लेनी चाहिए. पेड़ लगाने की अवधारणा ना केवल धार्मिक रुप से है बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी अति महत्वपूर्ण है. शहर से ज्यादा गांव के लोग पेड़ लगाते हैं, ग्रामीण इसे धार्मिक दृष्टि के अलावा इसे आय का भी जरिया मानकर पेड़ लगाते हैं.
पेड़ का महत्व बताते विधानसभा अध्यक्ष उन्होंने कहा कि पर्यावरण का दोहन की भरपाई तब होगी, जब हम पेड़ लगाएंगे. पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता जताते हुए स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि ऐसा ना हो कि हम पानी की बोतल की तरह ऑक्सीजन का सिलेंडर लेकर हर वक्त रहें.
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संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने पर्यावरण संरक्षण पर दिया जोर
72वें वन महोत्सव को संबोधित करते हुए संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने प्रदूषित हो रहे पर्यावरण को संरक्षित करने पर जोर दिया. आलमगीर आलम ने वृक्षारोपण पर जोर देते हुए कहा कि सरकार की विभिन्न योजना के तहत चल रहे वृक्षारोपण कार्य से काफी लाभ मिला है. यह त्योहार नहीं बल्कि महा त्योहार है जो धार्मिक बंधन से अलग है.
विधानसभा परिसर में सीएम ने लगाया पेड़ वन महोत्सव में सत्ता पक्ष की तुलना में विपक्ष के सदस्यों की उपस्थिति काफी कम दिखी. हालांकि पेड़ लगाकर पर्यावरण को संरक्षित करने के मुद्दे पर सभी एकमत दिखे. यही वजह थी कि विधानसभा परिसर में सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी दलों के सदस्यों का भी नाम पेड़ लगाने के लिए अंकित था.
पाकुड़ के डिग्री कॉलेज परिसर में 72वां वन महोत्सव
पाकुड़ में महेशपुर प्रखंड के घाटचोरा स्थित डिग्री कॉलेज परिसर में 72वां वन महोत्सव मनाया गया. वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से आयोजित वन महोत्सव का उद्घाटन राज्य के 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सह महेशपुर विधायक प्रोफेसर स्टीफन मरांडी ने किया.
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प्रो. स्टीफन मरांडी ने कॉलेज परिसर में इमारती पौधों का रोपण भी किया. साथ ही डीसी वरुण रंजन, एसपी मणिलाल मंडल, वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार ने भी परिसर में एक-एक पेड़ लगाया. वन महोत्सव को संबोधित करते हुए प्रो. स्टीफन मरांडी ने कहा कि वनों की सुरक्षा से ही मानव जीवन सुरक्षित होगा. उन्होंने साल का पेड़ लगाने पर बल दिया. प्रो. मरांडी ने कहा कि पूरे राज्य में वनों की स्थिति बेहद चिंताजनक है. उन्होंने आम लोगों से ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की अपील की.
पाकुड़ में विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी ने किया वृक्षारोपण डीसी वरुण रंजन ने कहा कि जिला में दीदी, बगिया और मनरेगा के कार्यों में पौधारोपण को विशेष महत्व दिया जाएगा. डीसी ने कहा कि पाकुड़ जिला को हरा-भरा बनाने और वनों की रक्षा के लिए प्रशासन हरसंभव कदम उठाएगा.