रांची: प्रदेश के युवा एक तरफ जहां बेरोजगारी को लेकर रोना रो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों में लगभग 70 हजार पद खाली पड़े हैं. सरकारी आंकड़ों को देखें तो सबसे अधिक वैकेंसी गृह विभाग, शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग में हैं. उसके बाद जल संसाधन विभाग और कृषि विभाग का नंबर आता है. सरकारी आंकड़ों पर यकीन करें तो राज्य सरकार के सभी विभागों को मिलाकर स्वीकृत पदों की संख्या 2.50 लाख से अधिक है, जबकि इन पदों के विरुद्ध 1.91 लाख कर्मी ही काम कर रहे हैं. हालांकि, पिछले साल लगभग 3,350 से अधिक सरकारी कर्मी सेवानिवृत्त हुए हैं. हैरत की बात यह है कि राज्य सरकार की आमदनी का प्रमुख स्रोत वाणिज्य कर विभाग कर्मचारियों की भारी कमी की मार झेल रहा है.
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जेपीएससी और जेएसएससी है रोजगार देने वाली सरकारी एजेंसियां
दरअसल, राज्य सरकार की नौकरियों में बहाली झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन या झारखंड स्टाफ सलेक्शन कमीशन जैसे एजेंसी से किया जाता है. इन दोनों एजेंसियों को राज्य सरकार खाली पड़े पदों की अधियाचना भेजती है, जिसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया के लिए बाकायदा आवेदन मांगा जाता है. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार ने जेपीएससी को सभी लंबित परीक्षाओं को जल्द लेने का निर्देश दिया है. अभी तक राज्य में 6 जेपीएससी परीक्षाएं हुई हैं. शिक्षक नियुक्ति और टेट परीक्षा रिजल्ट आयोजित करने के लिए भी राज्य सरकार ने निर्देश दिया है.
राज्य में राष्ट्रीय औसत से दो गुना अधिक बढ़ी बेरोजगारी
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनामी की रिपोर्ट के अनुसार, मई महीने में झारखंड में बेरोजगारी 59.2% हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल और मई में 50 फीसदी लोग बेरोजगार हो गए. वहीं, मार्च में झारखंड में बेरोजगारी का आंकड़ा 8.2% था. झारखंड में राष्ट्रीय औसत 22.5 प्रतिशत के मुकाबले ढाई गुना अधिक हुई है बेरोजगारी.