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झारखंड में 2 माह के अंदर 50% लोग बेरोजगार, सरकारी विभागों में 70 हजार पद खाली

कोरोना काल के खत्म होने के बाद झारखंड सरकार खाली पदों में नौकरी के लिए बंपर वैकेंसी निकाल सकती है. बता दें कि राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों में लगभग 70 हजार पद खाली पड़े हैं.

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सीएम हेमंत सोरेन

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Published : Jul 17, 2020, 9:30 PM IST

Updated : Jul 17, 2020, 10:49 PM IST

रांची: प्रदेश के युवा एक तरफ जहां बेरोजगारी को लेकर रोना रो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों में लगभग 70 हजार पद खाली पड़े हैं. सरकारी आंकड़ों को देखें तो सबसे अधिक वैकेंसी गृह विभाग, शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग में हैं. उसके बाद जल संसाधन विभाग और कृषि विभाग का नंबर आता है. सरकारी आंकड़ों पर यकीन करें तो राज्य सरकार के सभी विभागों को मिलाकर स्वीकृत पदों की संख्या 2.50 लाख से अधिक है, जबकि इन पदों के विरुद्ध 1.91 लाख कर्मी ही काम कर रहे हैं. हालांकि, पिछले साल लगभग 3,350 से अधिक सरकारी कर्मी सेवानिवृत्त हुए हैं. हैरत की बात यह है कि राज्य सरकार की आमदनी का प्रमुख स्रोत वाणिज्य कर विभाग कर्मचारियों की भारी कमी की मार झेल रहा है.

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इन विभागों में इतने हैं खाली पड़े पदगृह विभाग में 20,224 पद, शिक्षा विभाग में 18357 पद, स्वास्थ्य विभाग में 9380, ग्रामीण विकास विभाग में 3400, जल संसाधन विभाग में 3220, उद्योग विभाग में 1060, पशुपालन विभाग में 997, भूमि सुधार विभाग में 1100, वन एवं पर्यावरण विभाग में 3000, विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग में 700, पथ निर्माण विभाग में 765, कल्याण विभाग में 1266 समेत पर्यटन, परिवहन, नगर विकास, कला संस्कृति, मंत्रिमंडल सचिवालय, राज्यपाल सचिवालय, आईपीआरडी में भी बड़ी मात्रा में नियुक्तियां होनी हैं.

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जेपीएससी और जेएसएससी है रोजगार देने वाली सरकारी एजेंसियां
दरअसल, राज्य सरकार की नौकरियों में बहाली झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन या झारखंड स्टाफ सलेक्शन कमीशन जैसे एजेंसी से किया जाता है. इन दोनों एजेंसियों को राज्य सरकार खाली पड़े पदों की अधियाचना भेजती है, जिसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया के लिए बाकायदा आवेदन मांगा जाता है. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार ने जेपीएससी को सभी लंबित परीक्षाओं को जल्द लेने का निर्देश दिया है. अभी तक राज्य में 6 जेपीएससी परीक्षाएं हुई हैं. शिक्षक नियुक्ति और टेट परीक्षा रिजल्ट आयोजित करने के लिए भी राज्य सरकार ने निर्देश दिया है.

राज्य में राष्ट्रीय औसत से दो गुना अधिक बढ़ी बेरोजगारी
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनामी की रिपोर्ट के अनुसार, मई महीने में झारखंड में बेरोजगारी 59.2% हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल और मई में 50 फीसदी लोग बेरोजगार हो गए. वहीं, मार्च में झारखंड में बेरोजगारी का आंकड़ा 8.2% था. झारखंड में राष्ट्रीय औसत 22.5 प्रतिशत के मुकाबले ढाई गुना अधिक हुई है बेरोजगारी.

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चुनाव के पहले की थी घोषणा
दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने इलेक्शन मेनिफेस्टो में यह साफ लिखा था कि सरकार गठन के 2 साल के अंदर राज्य के विभिन्न खाली पड़े सरकारी पदों पर झारखंड के युवकों/युवतियों की नियुक्ति की जाएगी. साथ ही हर वर्ष झारखंड लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग की ओर से खाली पड़े पदों पर भर्ती के लिए परीक्षाएं ली जाएंगी. इतना ही नहीं उन परीक्षाओं का रिजल्ट भी उसी साल निकाल दिया जाएगा. हालांकि, सरकार गठन होने के छह महीने हो गए हैं, लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई कंक्रीट पहल नहीं नजर आ रही.

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सत्तारूढ़ दल का दावा, संक्रमण के बाद पूरी होगी प्रक्रिया
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता बिनोद पांडेय कहते हैं कि राज्य सरकार अपने उन वादों को पूरा करेगी जो चुनाव के समय किए गए थे. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय कोरोना वायरस से निपटने का है. सरकार की सारी ऊर्जा उसी में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से गंभीर है और सभी विभागों से उनके यहां खाली पड़े पद का डिटेल लिया गया है. संक्रमण के दौर से बाहर निकलते ही सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

Last Updated : Jul 17, 2020, 10:49 PM IST

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