पटना: आज के ही दिन साल 1975 में देश में आपातकाल लागू हुआ था. तब जयप्रकाश नारायण ने इसके खिलाफ संपूर्ण क्रांति का आह्वान किया था. बड़ी संख्या में युवा उनके साथ आए और बाद के दिनों में साल 1977 में हुए आम चुनाव में इंदिरा गांधी को जनाक्रोश के कारण करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी. आपातकाल लगाने के फैसले के कारण आज भी इंदिरा गांधी और कांग्रेस को लेकर तमाम सवाल उठते हैं. हालांकि विपक्ष आज की सरकार पर अघोषित इमरजेंसी का आरोप लगाता है. ऐसे में जेपी के साथ तब की सरकार के खिलाफ आंदोलन में खड़ा रहने वाले समाजवादी नेता विक्रम कुंवर कहते हैं कि समय जरूर बदला है, लेकिन कई चीजें आज भी वैसी ही बनी हुई हैं.
विक्रम कुंवर समाजवादी नेता हैं और जेपी आंदोलन के वक्त वह बेहद सक्रिय थे. जेपी ने 11 सदस्य संचालन समिति बनाई थी, जिसमें विक्रम कुंवर भी शामिल थे. विक्रम कुंवर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि जिन मुद्दों को लेकर जेपी ने आंदोलन किया था आज स्थिति उससे ज्यादा भयावह है. भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन चुका है. शिक्षा का बेड़ा गर्क हो चुका है. फिलहाल बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं दिखती. जेपी के शिष्यों ने उनके सपनों को तार-तार किया है.
जेपी के सपनों के साथ खिलवाड़
समाजवादी नेता विक्रम कुंवर ने कहा कि छात्रों ने जिस मुद्दे को लेकर आंदोलन को शुरू किया था, वो स्थिति अभी भी जस की तस बनी हुई है. कुछ भी बदलाव नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि देश में जब आपातकाल लगा था, ठीक बिहार में अभी भी वैसी ही स्थिति है. पुरानी यादों को ताजा करते हुए उन्होंने बताया कि जब देश में आपातकाल लागू हुआ था तो वे छपरा जेल में बंद थे. सुबह जब वे उठे तो देखा कि कोई किसी से बात नहीं कर रहा था. पूरे देश में सन्नाटा था. फिर उन्होंने जेल के सिपाही से पूछा तो पता चला कि देश में आपातकाल लागू हो गया.
समाजवादी नेता विक्रम कुंवर ने बताया कि जब वे जेपी के संपर्क में आए तो उन्हें विश्वास दिलाया गया था कि वे लोग शांति पूर्वक विरोध करना चाहते हैं. इसके बाद जेपी ने उनका नेतृत्व किया. उन्होंने बताया कि इस आंदोलन में सबका सहयोग मिला था. विरोध दल के लोगों ने भी इसमें साथ दिया. लेकिन अभी के समय में सिस्टम और ज्यादा भ्रष्ट हो चुका है.
21 महीने तक रहा था आपातकाल
देश में 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा हुई थी. तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर संविधान की धारा 352 के तहत आपातकाल की घोषणा कर दी थी. देश में 21 महीने तक आपातकाल रहा. बिहार में जयप्रकाश नारायण का आंदोलन आपातकाल के दौरान चरम पर था. कांग्रेस के कुशासन और भ्रष्टाचार से तंग जनता में इंदिरा सरकार इतनी लोकप्रिय हो चुकी थी कि चारों ओर से उन पर सत्ता छोड़ने का दबाव था. 25 जून 1975 को दिल्ली में हुई विराट रैली में जयप्रकाश नारायण ने पुलिस और सेना के जवानों से आग्रह किया था कि वह शासकों केअसंवैधानिक आदेश न माने और जेपी को गिरफ्तार कर लिया गया था.