रांची: चुनाव के वक्त हर वोटर यह जानना चाहता है कि उसके प्रत्याशी पर कितने आपराधिक मामले दर्ज हैं और संपत्ति के मामले में वह कहां खड़ा है. 2014 के रिजल्ट से तुलना करने पर यह बात सामने आई है कि इस बार 81 में से 41 विधायक ऐसे चुनकर आए हैं जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि 2014 में आपराधिक मामलों से सरोकार रखने वाले विधायकों की संख्या 55 थी. चुनाव पूर्व नामांकन दाखिल करने के दौरान दिए गए शपथ पत्र पर गौर करें तो इस बार 53 ऐसे विधायक हैं जो संपत्ति के मामले में करोड़पति हैं.
संपत्ति के मामले में टॉप विधायक
इस सूची में सबसे टॉप पर हैं झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन. उनके नाम पर 29.69 करोड़ रुपए की संपत्ति है. पूर्व आईपीएस अधिकारी और कांग्रेस विधायक रामेश्वर उरांव इस सूची में दूसरे नंबर पर हैं, जिनके पास 27.42 करोड़ रुपए की संपत्ति है.
हजारीबाग से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले मनीष जायसवाल के पास 27.04 करोड़, पांकी से भाजपा विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता के पास 22.5 करोड़ की संपत्ति है, जबकि 18.5 7 करोड़ की संपत्ति के साथ आजसू सुप्रीमो और सिल्ली से विधायक सुदेश महतो पांचवें स्थान पर हैं. इस मामले में बेरमो से कांग्रेस विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह 11.97 करोड़ की संपत्ति के साथ छठे स्थान पर हैं.
पार्टीवार अपराधिक रिकॉर्ड
23 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम के तहत सबसे ज्यादा झामुमो कोटे से 30 विधायक चुनकर आए हैं. इनमें से 17 विधायकों के खिलाफ अपराधिक मामले हैं. कांग्रेस के 16 में से 8 विधायकों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं. भाजपा के 25 में से 11 विधायकों पर अपराधिक मामले चल रहे हैं. जेवीएम के सभी तीन के अलावा राजद और भाकपा माले के इकलौते विधायक पर भी मुकदमे दर्ज हैं.
हुसैनाबाद से एनसीपी के विधायक कमलेश कुमार सिंह, मांडर से जेवीएम के विधायक बंधु तिर्की और पांकी से भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता के खिलाफ विभिन्न मामलों में सीबीआई जांच चल रही है. चतरा से राजद के विधायक चुने गए सत्यानंद भोक्ता पर भी भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा चल रहा है. गढ़वा से जेएमएम विधायक मिथलेश ठाकुर के खिलाफ हत्या के आरोप में ट्रायल चल रहा है. सिमडेगा से कांग्रेस विधायक भूषण के खिलाफ महिला से छेड़छाड़ का मामला चल रहा है.
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शिक्षा के मामले में पार्टीवार परफॉर्मेंस
शिक्षा के मामले में नवनिर्वाचित विधायकों का परफॉर्मेंस संतोषजनक है. इस बार करीब 59% ऐसे विधायक चुनकर आए हैं जिनके पास स्नातक या उससे आगे की डिग्री है. इस मामले में सबसे अच्छा परफॉर्मेंस कांग्रेस का है. कांग्रेस के 16 में से 12 विधायक स्नातक या स्नातकोत्तर है. दूसरे स्थान पर भाजपा है. भाजपा के 25 में से 15 विधायकों के पास उच्च शिक्षा की डिग्री है. शिक्षा के मामले में झामुमो के नवनिर्वाचित विधायक सबसे पीछे हैं. झामुमो के 30 में से सिर्फ 9 विधायक ही ग्रेजुएट हैं.