रांचीः झारखंड की राजधानी रांची के सबसे सुरक्षित जेल यानी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में भी अब कोरोना ने एंट्री मार दी है. रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद दो पूर्व मंत्री सहित 40 कैदी पॉजिटिव पाए गए हैं. वहीं, 14 जेलकर्मी भी कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए हैं.
जेल आईजी ने की पुष्टि
जेल आईजी वीरेंद्र भूषण ने ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत में बताया कि कैदी और जेल कर्मियों को मिलाकर 54 लोग कोरोना संक्रमण के चपेट में आ चुके हैं. सभी की टेस्ट पॉजिटिव आई है. इसके बाद उन्हें जेल में ही आइसोलेशन वार्ड बनाकर रखा गया है, जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार रांची जेल में बंद दो पूर्व मंत्री भी कोरोना संक्रमण शिकार हुए हैं. दोनों पूर्व मंत्रियों के संक्रमित होने की पुष्टि भी जेल आईजी ने की है.
सभी कैदियों की होगी जांच
जेल आईजी बिरेंद्र भूषण ने बताया कि गृह विभाग को उन्होंने कोरोना संक्रमण को देखते हुए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद सभी कैदी और कर्मियों की कोरोना जांच करने के लिए पत्र लिखा है. इस संबंध में गृह विभाग ने अपनी सहमति भी दे दी है. जल्द ही अब सभी कैदियों की कोरोना जांच करवायी जाएगी.
जेल में खलबली
वहीं, एक साथ रांची जेल में 54 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद जेल में बंद कैदियों और सुरक्षा में तैनात जेल कर्मियों में खलबली मची हुई है. तमाम एहतियात बरतते हुए कैदियों को जेल के अंदर भेजा जा रहा था. जेल भेजे जाने से पहले उनका जांच भी करवाया जा रहा था ताकि अगर वह पॉजिटिव निकले तो उन्हें पहले क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जाए और उसके बाद उन्हें जेल भेजा जाए, लेकिन इन सबके बावजूद आखिर किन वजहों से जेल के अंदर कोरोना की एंट्री हुई है यह भी एक जांच का विषय है.
उम्रदराज कैदियों पर संकट
सबसे ज्यादा उन कैदियों पर संकट आन पड़ा है, जो 50 साल से अधिक के हैं या फिर वैसे कैदी जो किसी न किसी बीमारी के शिकार हैं. अगर इन लोगों के बीच कोरोना संक्रमण फैलता है तो इसमें कई की जान जा सकती है.
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जेल में बना आइसोलेसन वार्ड
फिलहाल, रांची जेल में ही एक आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया है और वहां संक्रमित कैदी और जेल कर्मियों को रखा गया है. जेल के डॉक्टर ही फिलहाल सभी का इलाज कर रहे हैं. जेल आईजी बिरेंद्र भूषण ने बताया कि फिलहाल जो लोग भी संक्रमण का शिकार हुए हैं उनमें किसी में गंभीर लक्षण नहीं है. अगर किसी में गंभीर लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें इलाज के लिए बाहर भी भेजा जा सकता है.