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झारखंड के 35 हजार अधिवक्ताओं का मंगलवार को हड़ताल, जज और अधिवक्ता के बीच मारपीट का है मामला

पलामू में अधिवक्ता और जज के साथ मारपीट मामले को लेकर मंगलवार को हड़ताल का आह्वान किया गया है. जिसमें झारखंड में 35 हजार अधिवक्ता मंगलवार को हड़ताल पर रहेंगे.

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Published : Feb 18, 2020, 1:01 AM IST

35 thousand advocates of Jharkhand strike on Tuesday in ranchi
मंगलवार को हड़ताल

रांचीः पलामू के व्यवहार न्यायालय के जज पर पलामू जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरीय अधिवक्ता ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था. वहीं मंगलवार को मामले को लेकर एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया गया है. जिसमें झारखंड के लगभग 35 हजार अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे.

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झारखंड राज्य विधिक परिषद ने यह घोषणा की है कि राज्य के सभी न्यायालय के सभी अधिवक्ता अपने को न्यायिक कार्य से अलग रखेंगे. झारखंड के लगभग 35 हजार अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे. अधिवक्ता के हड़ताल पर रहने के कारण राज्य में 50 हजार से अधिक मामले पर सुनवाई नहीं हो सकेगी. सोमवार को राज्य विधिज्ञ परिषद के कार्यकारिणी समिति की आपातकालीन बैठक संध्या 4 बजे परिषद के कार्यालय में हुई.

जिसमें पलामू व्यवहार न्यायालय के जिला न्यायाधीश पंकज कुमार के द्वारा जिला बार एसोसि एशन के अध्यक्ष और वरीय अधिवक्ता से दुर्व्यवहार किये जाने की घटना को गंभीरता से लिया गया है. बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि कल 18 फरवरी को एक दिवसीय सम्पूर्ण झारखंड के सभी न्यायालय के अधिवक्ता अपने को न्यायालय के कार्यों से अलग रखेंगे. साथ ही परिषद ने एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की घोषणा की जिसमें एके रसीद, हेमंत सिकरवार, रिंकु भगत, कुंदन प्रकाशन, को मामले की जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने और आगे की कार्य योजना तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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झारखंड स्टेट बार कौंसिल के पूर्व चेयरमैन पीसी त्रिपाठी ने डाल्टनगंज में हुई इस घटना का कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि इस तरह का घटना दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है. इस तरह की घटनाएं अधिवक्ताओं के साथ नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं इस तरह की घटना का निंदा करता हूं.

इस घटना की झारखंड उच्च न्यायालय एडवोकेट्स एसोसिएशन के धीरज कुमार ने कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि भविष्य में इस रथ तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय को पहल करनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

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