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Human Trafficking: मानव तस्करी पर वार, दिल्ली से मुक्त कराये गये 26 बच्चे - Jharkhand News

झारखंड सरकार मानव तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए सख्त रवैया अपना रही है. सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के निर्देश पर देशभर से मानव तस्करी के शिकार लोगों को मुक्त कराया जा रहा है. इसके साथ उनका पुनर्वास भी किया जा रहा है. इसी के तहत दिल्ली से झारखंड के 26 बालक-बालिकाओं को मुक्त करा कर झारखंड लाया जा रहा है. ये सभी ट्रैफिकिंग के शिकार हुए थे.

26 children of Jharkhand rescued from Delhi
26 children of Jharkhand rescued from Delhi

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Published : Jul 8, 2021, 11:05 PM IST

Updated : Jul 9, 2021, 7:28 AM IST

रांचीः मानव तस्करी(Human Trafficking) के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सख्ती का असर दिख रहा है. ताजा घटनाक्रम में मानव तस्करी कर दिल्ली ले जाये गये झारखंड के 26 बालक-बालिकाओं को मुक्त करा कर झारखंड लाया जा रहा है। इससे पहले जुलाई में ही 21बच्चो को मुक्त करा कर उनके परिजनों को सौंपा गया है। ये बच्चे झारखंड के साहिबगंज, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, धनबाद, सिमडेगा और बोकारो जिले के हैं.

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इस तरह जुलाई में कुल 47 बच्चों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया जा चुका है. इन बच्चों को एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र झारखंड भवन, नई दिल्ली द्वारा स्थानिक आयुक्त मस्तराम मीणा के निर्देशानुसार दिल्ली के विभिन्न स्थानों से दिल्ली पुलिस के सहयोग से मुक्त कराया गया है. स्थानिक आयुक्त ने कहा है कि झारखंड भेजे जा रहे बच्चों को जिले में संचालित कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ते हुए उनकी सतत निगरानी की जाएगी.

IPRD का ट्वीट

मानव तस्करी के शिकार लोगों को मुक्त कराने से लेकर उनके पुनर्वास तक में एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र की अहम भूमिका रहती है. दिल्ली एनसीआर और सीमावर्ती राज्यों के बाल कल्याण समिति, बालगृहों और दिल्ली पुलिस के साथ लगातार संपर्क स्थापित कर मानव तस्करी के शिकार झारखंड राज्य के बच्चों को वापस उनके गृह जिला भेजा जा रहा है. एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र का हेल्पलाइन नंबर 10582 है.

सभी बालक बालिकाओं का एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र के कर्मियों के द्वारा परामर्श एवं गृह सत्यापन जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी के माध्यम से कराया जाता है. इस कार्य में उप स्थानिक आयुक्त सह वरीय प्रभारी आईआरआरसी शहंशाह अली खान, नोडल पदाधिकारी, पुनर्वास संसाधन केंद्र नचिकेता मिश्रा, कार्यक्रम समन्वयक सुनील कुमार गुप्ता, परामर्शी निर्मला खलखो, प्रिंस कुमार, मंजू ठाकुर और राज्य द्वारा भेजे गए कोर टीम के सदस्य अशोक नायक, ओमप्रकाश तिवारी अनमोल कुमारी सुशीला सुंडी का अहम योगदान रहा है.

Last Updated : Jul 9, 2021, 7:28 AM IST

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