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कोरोना की दूसरी लहर में हुई थी भारी परेशानी, जानिए रांची नगर निगम ने क्या निकाला हल - रांची में विद्युत शवदाह गृह बनाने का निर्णय

कोरोना की दूसरी लहर में मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए हुई परेशानी को देखते हुए रांची नगर निगम ने नए विद्युत शवदाह गृह बनाने का फैसला किया है. जिससे कि भविष्य में ऐसी समस्या न हो.

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अंतिम संस्कार

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Published : Jun 30, 2021, 12:10 PM IST

Updated : Jun 30, 2021, 1:03 PM IST

रांची: पूरे देश के साथ-साथ राजधानी में भी कोरोना के कहर से कई लोगों की जान जा चुकी है. दूसरी लहर की बात करें तो मरने वालों की संख्या हजारों में देखी गई. हर दिन काफी संख्या में लोगों की मौत हो रही थी. जिनका अंतिम संस्कार कराना राज्य सरकार और जिला प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गई थी. अब इसके लिए नगर निगम ने रांची में दो नए विद्युत शवदाह गृह बनाने का निर्णय लिया है.

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फिलहाल एकमात्र विद्युत शवदाह गृह
राजधानी रांची की बात करें तो हरमू स्थित एकमात्र विद्युत शवदाह गृह मौजूद है. जहां कोरोना से मरने वाले मरीजों का अंतिम संस्कार कराया जाता है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मात्र एक विद्युत शवदाह गृह होने की वजह से मृतक के परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. कई दिनों तक उन्हें अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करना पड़ता था.

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लकड़ियों के सहारे शव को जलाना बन गई थी मजबूरी
विद्युत शवदाह गृह किसी तकनीकी खराबी के कारण खराब हो जाता तो कोरोना से मरने वाले का अंतिम संस्कार कराना जिला प्रशासन के लिए और भी बड़ी समस्या हो जाती थी. ऐसे में जिला प्रशासन को मजबूरन लकड़ी के माध्यम से भी शव जलाना पड़ता था. कोरोना के दूसरी लहर में मृतकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लकड़ियों के सहारे शव जलाना जिला प्रशासन की मजबूरी बन गई थी.

तीन से चार विद्युत शवदाह गृह की जरूरत

कोरोना में अपनों को खो चुके परिजनों का कहना है कि रांची में एक शवदाह गृह होने के कारण काफी दिक्कत हुई. मृतक के परिजनों को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता था, इसीलिए राजधानी में कम से कम तीन से चार विद्युत शवदाह गृह बनाने की जरूरत है.


पर्यावरण को भी खासा नुकसान
लकड़ियों के सहारे अंतिम संस्कार कराने से पर्यावरण को भी खासा नुकसान होता है. दूसरी लहर के दौरान वन विभाग को सैकड़ों क्विंटल लकड़ियां कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार में देने पड़े थे. जिसमें पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा. यदि विद्युत शवदाह गृह का इंतजाम कर दिया जाता तो पर्यावरण को भी बचाया जा सकता है.

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2 नए विद्युत शवदाह गृह बनाने का निर्णय
इन्हीं सब को देखते हुए रांची नगर निगम की ओर से राजधानी में 2 नए विद्युत शवदाह गृह बनाने का निर्णय लिया गया है. रांची के बूटी मोड़ स्थित जुमार नदी के पास और कांके के सुकुरहुट्टू स्थित शवदाह गृह बनाने का निर्णय लिया गया है.

शवदाह गृह के निर्माण पर बनी सहमति
सुकुरहुट्टू और बूटी मोड़ में नए शव दाह गृह बनाने को लेकर रांची के उपमहापौर संजीव विजयवर्गीय बताते हैं कि नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक में दोनों शवदाह गृह के निर्माण पर सहमति बन गई है. बूटी मोड़ के लिए 10 करोड़ का एस्टीमेट सरकार को दे दिया गया है. जैसे ही सरकार से पैसे का आवंटन होगा, वैसे ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. वहीं, सुकुरहुट्टू के लिए सरकार को सिर्फ जमीन आवंटित करना है, क्योंकि वहां पर बनाया जाने वाला विद्युत शवदाह गृह मारवाड़ी सहायक समिति की ओर से संचालित किया जाएगा. राजधानी में फिलहाल हरमू मुक्तिधाम भी मारवाड़ी सहायक समिति ही संचालित कर रही है.


तीसरे लहर को लेकर भय का माहौल
पूरे देश में संभावित तीसरे लहर को लेकर भय का माहौल बना हुआ है. ऐसे में अगर लोग तीसरी लहर की चपेट में आते हैं तो यह कहना गलत नहीं होगा कि मौत का सिलसिला भी चरम पर हो सकता है. वैसी स्थिति में अगर अंतिम संस्कार के लिए व्यापक इंतजाम नहीं होते हैं तो फिर दूसरी लहर की तरह ही लोगों को अंतिम संस्कार के लिए बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ सकती है.

Last Updated : Jun 30, 2021, 1:03 PM IST

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