रांची: राजधानी रांची और खूंटी पुलिस ने उग्रवादी संगठन पीएलएफआई को एक बड़ा झटका देते हुए खूंटी- रांची में सक्रिय पूरे दस्ते को ही धर दबोचा है. पुलिस ने रांची में आतंक का पर्याय बने एक लाख के इनामी सबजोनल कमांडर अखिलेश गोप, हार्डकोर विनोद सांगा उर्फ झुबलू सहित 13 उग्रवादियों को धर दबोचा है. गिरफ्तार उग्रवादियों के पास से पुलिस ने चार हथियार, 30 कारतूस, 25 मोबाइल, 4 बड़े वाहन और नक्सली साहित्य बरामद किया है.
हत्या की योजना के लिए जुटे, देख रहे थे नाच गाना
रांची रेंज के डीआईजी अमोल होमकर ने बताया कि सभी उग्रवादी एक पेटी ठेकेदार की दिनदहाड़े हत्या के लिए जुटे थे. जिसने पीएलएफआई उग्रवादियों के नाम से लेवी उठाकर रख ली थी. यह वह पैसा था जिसे अखिलेश के दस्ते को देना था. अखिलेश के मांगने पर उसने देने से इंकार किया था. ठेकेदार की हत्या से पहले सभी रांची के नगड़ी गांव में लगने वाली देवठान जतरा में शामिल होने आए थे. वहां खस्सी भात खाने के बाद एक नाच-गान में भी शामिल हुए थे. तभी इसकी सूचना पीलएलएफआई से जुड़े एक मुखबिर ने पुलिस को दे दी. इसके बाद पुलिस ने सभी को घेरकर दबोच लिया.
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क्या-क्या हुए बरामद
गिरफ्तार उग्रवादियों के पास से 7.65 एमएम की दो पिस्टल, दो देसी कट्टा, 7.65 बोर की 16 गोलियां, प्वाइंट 315 बोर की तीन गोलियां, 24 मोबाइल, दो कार, एक बाइक और पीएलएफआई का दो पर्चा बरामद किया गया है. डीआइजी एवी होमकर, एसएसपी अनीश गुप्ता और खूंटी एसपी आशुतोष शेखर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे ऑपरेशन की जानकारी दी.
चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की थी योजना
डीआइजी ने बताया कि लंबे समय से अखिलेश गोप के दस्ते को पकड़ने के लिए पुलिस प्रयासरत थी. इसबीच पुलिस ने नगड़ी के साहेर से और खूंटी के मसमानो से सभी उग्रवादियों को दबोच लिया. विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान भंग कराने और चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की भी योजना थी. इसी दस्ते को तुपुदाना-अमरेश्वर धाम सड़क पर निर्माण साइट पर भी हमला करना था.
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सात हत्याकांड सहित 25 मामलों में था वांटेड
अखिलेश गोप सात हत्याकांड सहित 25 मामलों का आरोपी था. पूछताछ में अखिलेश ने स्वीकार किया है कि उसने वर्ष 2016 में कर्रा में दशरथ साहू की हत्या, अनिल पारदिया और नंदकिशोर महतो की हत्या, तुपुदाना के हुडि़ंगदाग में जाकिर अंसारी सहित छह की हत्या, नगड़ी में लेवी के लिए बाबू खान की हत्या, चेटे गांव में कंस्ट्रक्शन साइट पर लगे इंजीनियर और सुपरवाइजर की हत्या सहित 25 मामलों में वांटेड था. हाल में बीते 3 नवंबर की रात बंडा गांव में पांच लाख लेवी के लिए ट्रैक्टर में आगजनी और मजदूर पर गोलीबारी की थी. अखिलेश के खिलाफ रांची के तुपुदाना, इटकी, नगड़ी, खूंटी के जरियागढ़, खूंटी, लापुंग और कर्रा थाने में मामले दर्ज हैं. सभी मामलों में पुलिस उसे जल्द रिमांड पर लेगी.
दिनेश साहू के एनकाउंटर के बाद से था सक्रिय
15 दिसंबर 2015 को पीएलएफआई के एरिया कमांडर दिनेश साहू की एनकाउंटर के बाद से एरिया कमांडर के रूप में अखिलेश गोप को दिनेश गोप ने प्रोजेक्ट किया था. इसके बाद से लगातार रांची तुपुदाना, नगड़ी, धुर्वा, रिंग रोड, नगड़ी थाना क्षेत्र और खूंटी जिले में सक्रिय था. जंगलों और पहाड़ों में रहकर संगठन को मजबूत करने में लगा था. रांची में लगातार उसका आतंक बढ़ता जा रहा था. झारखंड के डीजीपी ने भी उसे पकड़ने का निर्देश दिया था.
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झुबलू है कुख्यात, अखिलेश से जुड़ गया था
गिरफ्तार विनोद उर्फ झुबलू कुख्यात उग्रवादी है. हाल में जेल से छूटकर अखिलेश के साथ जुड़ गया था. इसके बाद लगातार लेवी की मांग को लेकर घटनाओं को अंजाम दे रहा था. उसके खिलाफ कर्रा में आठ और खूंटी में एक मामला दर्ज हैं. पुलिस अलग-अलग मामलों में उसे रिमांड पर लेगी.
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ये हुए गिरफ्तार
सबजोलन कमांडर खूंटी जिले के कर्रा बमरजा निवासी अखिलेश गोप, रांची के नगड़ी साहेर निवासी धरम कुमार महतो, उत्तम महतो, पवन महतो, तुपुदाना के गरसुल निवासी बिरसा तिर्की, संग्राम तिर्की, कर्रा के लोधमा निवासी भांकर महतो, हक्का जांग निवासी राजकुमार महतो, डाड़ी संदीप धान, बलसिरिंग निवासी ईशु मुंडा, सावड़ा निवासी अमित धान, खूंटी निवासी हार्डकोर विनोद सांगा उर्फ झुबलू और तुपुदाना के गरसुल निवासी सोमा कच्छप शामिल है.