रांचीः राज्य में चल रही 108 एंबुलेंस सेवा (108 Ambulance Service) में कार्यरत चालकों को पिछले 8 महीने से वेतन नहीं मिला है. जिसकी वजह से सभी चालक सिविल सर्जन कार्यालय(civil surgeon office) पहुंच गए और वहां पर स्वास्थ्य विभाग और सिविल सर्जन के खिलाफ नारे लगाने लगे. आक्रोशित कर्मचारियों ने सिविल सर्जन कार्यालय में कार्यरत डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर (district project manager) समरेश सिंह को थोड़ी देर के लिए बंधक बना लिया और सिविल सर्जन को बुलाने की मांग करने लगे.
मौके पर 108 एंबुलेंस चालक (108 ambulance drivers )के स्टेट इंचार्ज मिल्टन सिंह पहुंचे और उन्होंने सभी चालकों को समझा-बुझाकर शांत कराया और उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द सभी चालकों और 108 एंबुलेंस में कार्यरत पारा मेडिकल कर्मचारियों को वेतन दिया जाएगा. आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारी वापस लौटे और उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द यदि वेतन नहीं मिला तो सभी चालक हड़ताल पर चले जाएंगे.
झारखंड में 108 एंबुलेंस चालकों ने DPM को बनाया बंधक, आठ महीने से नहीं मिला है वेतन
108 Ambulance Service के चालकों ने वेतन नहीं मिलने पर नाराजगी जताई. आक्रोशित एंबुलेंस चालकों ने सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी की.
आक्रोशित कर्मचारियों ने कहा कि पिछले 8 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण रक्षाबंधन जैसा त्योहार भी वह नहीं मना पाए. इससे पहले भी कई त्योहार उनके छूट गए. वहीं कर्मचारियों ने कहा कि स्थिति भुखमरी के कगार पर पहुंच गई है. यदि जल्द से जल्द वेतन नहीं मिला तो सभी एंबुलेंस चालक और पैरामेडिकल स्टाफ हड़ताल पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे.
बता दें कि राज्य में 108 एंबुलेंस की सेवा में करीब 3000 कर्मचारी तैनात हैं. जो राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में इमरजेंसी मरीज को एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाने का काम करते हैं. ऐसे में यदि वह हड़ताल पर जाते हैं तो निश्चित रूप से स्वास्थ्य व्यवस्था पर दुष्प्रभाव पड़ेगा. साथ ही सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले गरीब मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.