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JSSC की नियमावली में शामिल हो हिंदी भाषा, सैकड़ों छात्रों ने सीएम हेमंत को लिखा पत्र

पलामू में छात्रों ने सीएम को पत्र लिखकर हिंदी को जेएसएससी की नियमावली में शामिल करने की मांग है. हिंदी भाषा को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की नियमावली में शामिल नहीं किए जाने से छात्र आंदोलन कर रहे हैं.

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Published : Aug 27, 2021, 3:55 PM IST

Updated : Aug 27, 2021, 8:48 PM IST

Students wrote letter to CM demanding to include Hindi language to JPSC manual in Palamu
Students wrote letter to CM demanding to include Hindi language to JPSC manual in Palamu

पलामूः राज सरकार की ओर से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के नियमावली को लेकर पलामू के छात्रों ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. पलामू में कर्मचारी चयन आयोग के नियमावली में हिंदी को शामिल नहीं करने के विरोध में आंदोलन शुरू हो गया है. पलामू से सटे गढ़वा, लातेहार और चतरा के इलाके में भी आंदोलन जारी है.

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पलामू के छात्रों ने गुरुवार को एक अभियान की शुरुआत की, इस अभियान के माध्यम से छात्र मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे. पत्र के माध्यम से झारखंड कर्मचारी आयोग की नियुक्ति नियमावली में संशोधन की मांग की जा रही है. इस पत्र में युवा और छात्रों ने लिखा है कि पलामू प्रमंडल की क्षेत्रीय भाषा हिंदी है, नियुक्ति नियमावली में 12 क्षेत्रीय भाषाओं उर्दू, संथाली, बांग्ला, मुंडारी, हो, खड़िया, कुड़ूख कुरमाली, खोरठा, नागपुरी, पंचपरगनिया और ओड़िया भाषा को शामिल किया गया है. प्रमंडल के किसी भी स्कूल में इन 12 भाषाओं की पढ़ाई की सुविधा नहीं है.

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युवाओं और छात्रों ने पत्र के माध्यम से सीएम से हिंदी को नियमावली में शामिल करने की मांग की है. इसके लिए उनकी दलील है कि अगर नियमावली में हिंदी नहीं होगी तो वो पहले से ही फेल हो जाएंगे. क्योंकि पलामू के साथ-साथ आसपास के जिलों में बच्चे शुरुआत से ही हिंदी पढ़कर बड़े हुए हैं और हिंदी भाषा में ही दक्षता रखते हैं.


हिंदी को नियमावली में शामिल करने को लेकर चरणबद्ध होगा आंदोलन
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की नियुक्ति नियमावली में हिंदी को शामिल करने को लेकर पलामू के युवा छात्र चरणबद्ध आंदोलन करेंगे. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे युवा सन्नी शुक्ला ने बताया कि यह पहले चरण का आंदोलन है. इसमें हजारों छात्र सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखेंगे और हिंदी भाषा को इस नियमावली में शामिल करने की मांग करेंगे.

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ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पलामू के छात्रों ने बताया कि हिंदी को शामिल नहीं करना इलाके के लिए बड़ा नुकसान है, जिस भाषा को वो जानते ही नहीं, उस भाषा में यहां पर छात्र कैसे परीक्षा देंगे. इसको लेकर शिक्षाविद राहुल चतुर्वेदी ने बताया कि यहां के हजारों छात्र के भविष्य पर संकट वाला यह फैसला है, सरकार को अपने इस निर्णय पर विचार करना चाहिए. झारखंड गठन के बाद नियोजन नीति शुरू से विवादों में रही है, दोहरी नियोजन नीति की घोषणा के बाद से पलामू से ही बड़ा आंदोलन शुरू हुआ था.

Last Updated : Aug 27, 2021, 8:48 PM IST

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