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अपने पुराने गढ़ को फतह करने की तैयारी में राजद, तेजस्वी यादव से मिले निर्देश के बाद संगठन को मजबूत करने की तैयारी - झारखंड में राजद

झारखंड में राजद एक बार फिर से अपना पैर पसारना चाहता है. इसके लिए पार्टी अपने पुराने गढ़ पलामू प्रमंडल पर ध्यान दे रही है. राजद नेताओं का कहना है कि पलामू प्रमंडल में उनके पुराने नेता एक बार फिर से पार्टी से जुड़ रहे हैं जिससे उनकी ताकत बढ़ रही है.

RJD is strengthening party in Palamu
RJD is strengthening party in Palamu

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Published : Mar 1, 2022, 1:22 PM IST

Updated : Mar 1, 2022, 2:08 PM IST

पलामू:अपने पुराने गढ़ पलामू प्रमंडल को फतह करने के लिए राष्ट्रीय जनता दल ने तैयारी शुरू कर दी है. हुसैनाबाद के पूर्व विधायक संजय कुमार सिंह यादव को झारखंड राजद का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. पलामू प्रमंडल राजद का झारखंड में सबसे बड़ा गढ़ रहा है. किसी जमाने में प्रमंडल के नौ विधानसभा सीटों में 7 से 8 पर राजद का कब्जा हुआ करता और दोनों सांसद भी राजद के ही हुआ करते थे. वक्त बदलने के साथ-साथ धीरे धीरे पलामू प्रमंडल में राजद कमजोर होता गया और आज एक भी विधायक राजद का नहीं है.


हुसैनाबाद के पूर्व विधायक और राजद के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार सिंह यादव ने बताया कि तेजस्वी यादव से मिले निर्देश के बाद झारखंड में पार्टी को मजबूत किया जा रहा है. झारखंड के सभी बूथों पर राजद 25-25 सदस्यों को जोड़ रही है. उन्होंने बताया कि राजद पलामू प्रमंडल में मजबूत हो रहा है और कई पुराने साथी पार्टी में लौट रहे हैं. उन्होंने बताया कि पलामू प्रमंडल के हुसैनाबाद से सदस्यता अभियान की शुरुआत की जाएगी, अपने गढ़ में राजद प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 30 से 60 हजार तक सदस्य बनाएगा.

संजय कुमार सिंह यादव का बयान

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संजय कुमार सिंह यादव ने बताया कि झारखंड में राजद का एक विधायक है लेकिन सरकार को उसे मंत्री पद देना पड़ा. इसलिए राजद के महत्व को सभी लोग जानते हैं. झारखंड के सभी जिलों में निर्वाचन पद्धति से जिला अध्यक्ष चुने जाएंगे. निर्वाचन पद्धति से चुने गए जिलाध्यक्ष पूरे कार्यकाल को पूरा भी करेंगे. उन्होंने बताया कि यहां MY समीकरण आज भी कायम है, यूपी चुनाव में इसका असर नजर आने वाला है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने राजद के स्टैंड के बारे में कहा कि हिंदी भोजपुरी मगही और अंगिका के साथ राजद खड़ा है. वे किसी भाषा का विरोध नहीं कर रहे हैं, हेमंत सोरेन को यह समझने की जरूरत है कि सभी भाषाओं के लोगों ने वोट देकर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है.

Last Updated : Mar 1, 2022, 2:08 PM IST

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