पलामू: एशिया प्रसिद्ध पलामू टाइगर रिजर्व के केचकि, मिरचईया फॉल, बूढ़ाघाघ समेत कई पर्यटन केंद्रों का स्वरूप को बदल जाएगा. इसको लेकर पीटीआर प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है. पीटीआर प्रबंधन ने करीब आधा दर्जन से अधिक पर्यटन केंद्रों पर कई सुविधा उपलब्ध करवाने और उसके स्वरूप में बदलाव की योजना तैयार किया है.
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जलप्रपातों पर लगेंगे लकड़ी के पुल
पीटीआर प्रबंधन ने कोयल औरंगा नदी के तट पर मौजूद के केचकि, महुआडांड के बूढ़ाघाघ, बेतला के कमलदह झील के स्वरूप में बदलाव के लिए सभी जगह पर लकड़ी से बने हुए पूल लगाए जाने की योजना बनाई है. पीटीआर के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि बदलाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है. पर्यटन केंद्रों के बदले अंदाज से घूमने वाले लोगों को काफी आनंद आएगा. इससे पहले मिरचईया फॉल पर कुछ महीनों पहले लकड़ी का पूल बनाकर उसके स्वरूप को बदला गया था. इसके बाद पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई थी.
सालाना हजारों पर्यटक पहुंचते हैं बेतला
करीब 1129 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए पलामू टाइगर रिजर्व में 21 से भी अधिक पर्यटन केंद्र बनाए गए हैं. कोरोना की वजह से पर्यटन केंद्रों पर पर्यटकों का आना कम हो गया था. लेकिन अब एक बार फिर से पर्यटन को लेकर उम्मीद जगी है. इसे देखते हुए पीटीआर प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है. पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए कई पर्यटन केंद्रों पर कई तरह की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.