पलामू: प्राकृतिक रूप से पहाड़ों और घने जंगलों से घिरा ये इलाका नक्सली हिंसा और अपराधियों के बुलंद हौसले के लिए कुख्यात है. बिहार यूपी और छत्तीसगढ़ से सटे इस पलामू में नक्सलियों की तूती बोलती है. 2021 में पलामू में कई नक्सली वारदात को अंजाम दिया गया. पुलिस भी यहां नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए लगातार कार्रवाई करती रही. सालों भर पुलिस और नक्सलियों के बीच चूहे बिल्ली का खेल चलता रहा.
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2021 में तस्करों पर रही पुलिस की नजर
पलामू तीन राज्यों की सीमा से सटे होने के कारण यहां शराब और मवेशी तस्कर हमेशा फायदा उठाने की कोशिश करते हैं. 2021 में भी तस्करी के कई मामलों में पुलिस ने कार्रवाई की है. साल 2021 में पलामू में शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 25 हजार लीटर अवैध स्प्रिट को जब्त किया था. इसके अलावे बिहार के बड़े शराब माफिया विजय सिंह पटेल को भी गिरफ्तार किया गया था. सीमावर्ती इलाकों में 500 से अधिक अवैध शराब की भर्तियों को नष्ट किया गया था. इसी दौरान पलामू पुलिस ने कुख्यात पशु तस्कर के खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए 2 हजार पशुओं को तस्करों के चंगुल से मुक्त करवाया था.
2021 में 885 अपराधी और 36 नक्सली गिरफ्तार
2021 में पलामू में नक्सली और अपराधियों (Criminals and Naxalites in Palamu) खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई हुई है. नक्सलियों के खिलाफ अभियान के दौरान जिले में तीन बार मुठभेड़ भी हुई जिसमें कई नक्सलियों का गिरफ्तार किया गया जबकि जेजेएमपी का टॉप कमांडर मुकेश भूइंया मुठभेड़ के दौरान मारा गया. पूरे साल के दौरान पुलिस कार्रवाई में 885 अपराधी और 36 नक्सली गिरफ्तार किए गए. अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में कुख्यात डब्लू सिंह गिरोह को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया और 24 से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया. अफीम की खेती में शामिल 70 से भी अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.