पलामूः नक्सली संदीप यादव की मौत के बाद माओवादी संगठन झारखंड और बिहार की सीमावर्ती इलाके में नया कमांडर की तलाश कर रहा है. संदीप पिछले तीन दशक से नक्सल संगठन में सक्रिय होने के साथ साथ मध्य जोन में पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गुरिल्ला आर्मी का सुप्रीमो था. माओवादियों के मध्य जोन में पलामू, गढ़वा, चतरा के साथ साथ बिहार के गया, औरंगाबाद और रोहतास के इलाके शामिल हैं.
यह भी पढ़ेंःNaxal bandh in Jharkhand: झारखंड समेत चार राज्यों में नक्सली बंद, पुलिस अलर्ट
25 मई की रात टॉप माओवादी कमांडर संदीप यादव की बीमारी से मौत हो गई थी. मौत के बाद माओवादी संदीप यादव की जगह नए कमांडर की तलाश हो रही है. मिली जानकारी के अनुसार माओवादी सेंट्रल कमेटी सदस्य गौतम पासवान और चार्लिस को नया कमांडर बनाने की चर्चा है. विशेष जाति वर्ग में पकड़ होने के कारण नितेश यादव के नाम की भी चर्चा है. फिलहाल छकरबंधा के इलाके में माओवादियो के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा कमान संभाले रहा है.
पलामू पुलिस ने संदीप यादव की मौत के बाद बिहार से सटे इलाके में निगरानी बढ़ा दी है और माओवादियों की गतिविधियों पर नजर रखना शुरू कर दिया है. पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि छकरबंधा इलाके में पुलिस की गश्ती बढ़ा दी गई है. उन्होंने कहा कि संदीप यादव की मौत के बाद पुलिस ने छकरबंधा से बूढ़ापहाड़ कॉरिडोर पर हाई अलर्ट जारी किया है.
माओवादियों के झारखंड, बिहार, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश सीमांत रीजनल कमिटी के इलाके में संदीप यादव माओवादियों के लिए सबसे अधिक लेवी वसूलता था. बताया जा रहा है कि संदीप सालाना 35 से 40 करोड़ रुपये की लेवी वसूलता था. इसके साथ ही झारखंड और बिहार में माओवादियों को पैसे की जरूरत को संदीप ही पूरा करता था. संदीप का सूचना तंत्र और पकड़ इतनी मजबूत थी कि वह कभी गिरफ्तार नहीं हुआ. संदीप यादव की मौत के बाद चार्लिस और गौतम पासवान नये कमांडर की दौड़ में हैं, जिसपर 25-25 लाख रुपये का इनाम है.