पलामू:पांडु थाना क्षेत्र के मुरुमातु में दलित बस्ती उजाड़ने के मामले जिला प्रशासन ने एक संयुक्त जांच रिपोर्ट तैयार की है (Report in case of demolition of Dalit habitation). सदर एसडीएम राजेश कुमार शाह और एसडीपीओ सुरजीत कुमार ने यह रिपोर्ट तैयार की है. इसे पलामू प्रमंडलीय आयुक्त के माध्यम से मुख्यसचिव को भेजा जाना है. इसके बाद मुख्यसचिव इस रिपोर्ट को राज्यपाल को भेजेंगे.
दलित बस्ती उजाड़ने का मामला: पलामू जिला प्रशासन ने तैयार की रिपोर्ट, मुख्य सचिव और राज्यपाल को भेजने की तैयारी - Jharkhand news
पलामू में दलित बस्ती उजाड़ने के मामले में जिला प्रशासन ने अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है (Report in case of demolition of Dalit habitation). अब ये रिपोर्ट पलामू प्रमंडलीय आयुक्त के माध्यम से मुख्यसचिव और राज्यपाल को भेजी जाएगी.
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पलामू जिला प्रशासन ने करीब 20 पेज में मुरुमातु में दलित बस्ती उजाड़ने की रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में घटना के बारे में पूरी जानकारी और उसके बाद उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि पांडु थाना क्षेत्र के मुरुमातु में मुसहर समुदाय के 14 परिवारों के कुल 47 सदस्य रहते हैं. जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में बताया गया है कि पूरी घटना जमीन विवाद से जुड़ी हुई है. जिला प्रशासन ने विवादित जमीन पर पुलिस बल तैनात कर दिया है और निषेधाज्ञा लागू कर दी है. मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
दलित बस्ती उजाड़ने के बाद मौके पर जिला प्रशासन के टॉप अधिकारी और कर्मचारी कैंप कर रहे हैं. मौके पर 50 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है. गुरुवार की देर शाम तक सील बंद लिफाफे में यह रिपोर्ट कमिश्नर के माध्यम से मुख्यसचिव को भेजी जानी है. रिपोर्ट में एफआईआर समेत कई बिन्दुओं की जानकारी है.
जानकारी के अनुसार 1943 में तारक नाथ सरकार द्वारा विशेष समुदाय के लोगों को तीन एकड़ 37 डिसमिल जमीन मिली थी. खाता 44 में यह जमीन दी गई थी. विशेष समुदाय के जिस व्यक्ति को जमीन मिली थी, उनके चार बेटे हैं. बड़े बेटे ने 1988 में उसी जमीन में से 25 डिसमिल जमीन मदरसा के नाम पर बंदोबस्त किया था. उसके बाद से उक्त जमीन पर रशीद कट रही है. इसी जमीन को लेकर विवाद है.