पलामूः कोढ़ा गैंग अपराध की दुनिया में एक बड़ा नाम है. यह गैंग लूट, छिनतई और ठग के लिए देश भर में चर्चित है. बिहार का कोढा गैंग कटिहार से संचालित होता है. यह गिरोह अब धीरे धीरे पलामू प्रमंडल में पांव पसार रहा है. पिछले एक वर्ष में पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके में गैंग ने कई घटनाओं को अंजाम दिया है. इस गैंग के खिलाफ दो दर्जन से भी अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. 2018 में कोढा गैंग ने पलामू के इलाके में सबसे बड़ी लूट की घटना को अंजाम दिया था. आईसीआईसीआई बैंक के पैसे को एटीएम में ले जाने के दौरान 54 लाख रुपये लूट लिए थे. इसी घटना के बाद पलामू इलाके में पहली बार कोढा गैंग चर्चा में आया था.
ये भी पढ़ेंःKodha Gang in Palamu: पलामू में कोढा गैंग के 5 अपराधी गिरफ्तार, खुजली पाउडर का इस्तेमाल कर लूट को देते थे अंजाम
बिना हथियार का यह गैंग लोगों से छिनतई और लूट की घटना को देता है अंजाम
कोढा गैंग बिना हथियार के लूट और छिनतई जैसी घटनाओं को अंजाम देता है. गिरोह के सदस्य बिहार के कटिहार और छत्तीसगढ़ के जसपुर के इलाके के हैं. यह गिरोह हर बार घटना को अंजाम देने के लिए सदस्य को बदल देता है. गिरोह टारगेट की पहले कई दिनों तक रेकी करता है. फिर उसकी लापरवाही का फायदा उठा कर घटना को अंजाम देता है. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि कई बार देखा गया है कि गिरोह के सदस्य खुजली का पाउडर इस्तेमाल कर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं. पलामू पुलिस ने पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिसने गिरोह के बारे में कई बड़ी जानकारी दी है. जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है.
बचपन से ही गिरोह को सदस्यों को मिलती है ट्रेनिंग कोढा गैंग के सदस्यों को बचपन से ही अपराध की ट्रेनिंग दी जाती है. गिरोह में कई किशोर और युवा सदस्य जुड़े हुए हैं. यह गिरोह घटना को अंजाम देने के लिए हाई स्पीड बाइक का इस्तेमाल करता है. इतना ही नहीं गिरोह के सदस्य अपने नाम के साथ साथ कई नाम भी रखते हैं. जिस कारण पुलिस को उनकी पहचान में परेशानी होती है. पलामू में लूट गए 54 लाख में से पुलिस ने अब तक 52 लाख बरामद कर लिए हैं, लेकिन घटना में शामिल गिरोह के सदस्य पकड़े नहीं गए हैं. गिरोह के सदस्य बड़े ही शातिर तरीके से अपनी पहचान छुपा कर रहते हैं. आपराधिक घटना में यह अक्सर चोरी या लूट के बाइक का ही इस्तेमाल करते हैं जो हाई स्पीड वाली होती है.